सडक समस्याओं के कारण अब भी ग्रामीणों को एक भारी परेशानी का सामना करना पड रहा है

राजस्थान सरकार विकास के बडे बडे दावे करती है मगर करौली जिले के डांग क्षेत्र करणपुर में देखे तो पता चले की गाँव वालों को विकास और शासन की परिभाषा तक नही आती। करनपुर क्षेत्र के नानपुर पंचायत के गांव कैमोखरी की सड़को की हालत बहुत खराब है। ग्रामीणों ने बताया कि वहा मरीजों व प्रसूताओ को मुख्य सड़क तक ले जाने में बहुत ज्यादा तकलीफ होती है, और कीचड़ से मच्छर जनित बीमारियां पनप रही है।

वह अपनी आवाज को पत्रकार बंधुओं के माध्यम से सरकारी कर्मचारियों और लोकल जनप्रतिनिधियों तक पहचाना चाहते हैं कि जल्दी से जल्दी उनकी सड़को की ओर ध्यान दे और जल्दी हमारी समस्या का समाधान करे, उन्होने कई बार क्षेत्र के विधायक रमेश मीना को ज्ञापन देकर अवगत कराया है लेकिन कोई समाधान नही निकलता, रमेश मीना राजस्थान सरकार मे मन्त्री के पद पर भी है उसके बावजूद वह क्षेत्र की समस्याओ की ओर ध्यान नही दे रहे है। सडक ना होने की बजह से वहा घटनाएँ होती रहती है जिसके जिम्मेदार ग्रामीण अपने विधायक महोदय को ठहराते है, स्वतंत्र पत्रकार जितेंद्र मीना (गुरदह) ने ग्रामीणों से यह जानकारी प्राप्त की और उनकी समस्या को उठाया है। अब राजस्थान सरकार से ग्रामीणों का सवाल है की कब तक ग्रामवासियों के धैर्य का परिचय लेते रहोगे।

एक ओर तो गांव के डिजिटलाइजेशन की बात करती है हमारी सरकार दूसरी ओर हमे आज भी आजादी से पूर्व 1947 की जिन्दगी अब जीनी पड़ रही है, चारपाई पर मरीज और प्रसुताओ को गांव से बाहर मुख्य सड़क तक ले जाना पड़ रहा है, दूसरी तरफ करणपुर से मंडरायल तक 35 कि. मी. की जगह 70 कि.मी. की दूरी तय करके जाना पड़ रहा है करणपुर के हॉस्पिटल में भी सुविधाओ की कमी है।

ऐसे में सरकार से सवाल होना तो बनेगा ही की डांग क्षेत्र की समस्याओं से कब क्षेत्रवासियो को निजात मिलेगी।

Jitendra Meena: Independent Journalist | Freelancers .
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