युवाओं के लिए ऐतिहासिक कदम: नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी

देश के युवा को जिस दिन का इंतजार था, आखिरकार वो एतिहासिक दिन आ ही गया। यशस्वी प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी (एनआरए) की स्थापना के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी, जो सरकारी भर्ती में एक प्रगतिशील बदलाव है। एनआरए करोड़ों युवाओं के लिए वरदान साबित होगा, एनआरए सरकारी और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में गैर-राजपत्रित पदों जो की ग्रुप-बी, ग्रुप-सी सरकारी नौकरियों में भर्ती के लिए कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट (सीईटी) आयोजित करेगा। सामान्य पात्रता परीक्षा (सीईटी) एसएससी, रेलवे भर्ती बोर्ड और इंस्टीट्यूट ऑफ बैंकिंग लाइन टेस्ट आदि द्वारा आयोजित टियर -1 परीक्षा की जगह लेगी। देश भर में होने वाली अलग अलग प्रतियोगी परीक्षा के स्थान पर एक ही परीक्षा का आयोजन होगा जिसके आधार पर केंद्र एवं राज्य के सरकारी पदों पर भर्ती की जाएगी।

कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट, यह अलग अलग होने वाली प्रतियोगी परीक्षा को खत्म कर देगा, छात्रों को तनाव से बचाएंगा, अलग अलग परीक्षा के लिए लगने वाले अलग अलग शुल्क से भी निजात दिलाएगा और कीमती समय और संसाधनों का भी संरक्षण में सहायता करेगा। एनआरए भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ेगी, ना की प्रसासन के लिए बल्कि छात्रों को भी इससे आसानी होगी। राष्ट्रीय शिक्षा निति 2020 के हाथोहाथ एनआरए का गठन का फैसला “आत्मनिर्भर भारत” के संकल्प को पूर्ण करने अहम कदम साबित होगा।

वर्तमान भर्ती प्रणाली में, सरकारी नौकरियों के इच्छुक उम्मीदवारों को विभिन्न पदों के लिए कई भर्ती एजेंसियों द्वारा आयोजित अलग-अलग परीक्षाओं के लिए उपस्थित होना पड़ता है। उम्मीदवारों को कई भर्ती एजेंसियों फॉर्म भरना, शुल्क देना और फिर विभिन्न परीक्षाओं में उपस्थित होने के लिए अलग अलग परीक्षा केंद्र जाने के लिए लंबी दूरी तय करनी होती थी। एनआरए गैर-तकनीकी पदों क लिए कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट (सीईटी) आयोजित करेगा, जिसमें प्रत्येक वर्ष विज्ञापित सरकारी नौकरियों में चयन के लिए विभिन्न भर्ती एजेंसियों द्वारा आयोजित कई परीक्षाओं को एकल ऑनलाइन टेस्ट में सम्मलित होगी।

हर साल लगभग 1.25 लाख सरकारी नौकरियों का विज्ञापन किया जाता है, जिसके लिए 2.5 करोड़ उम्मीदवार विभिन्न परीक्षाओं में उपस्थित होते हैं। अब इन उम्मीदवारों को एक सामान्य पात्रता परीक्षा ही देनी होगी जिसमे प्राप्त स्कोर सभी भर्ती एजेंसियों पर लागू होगा यह स्कोर तीन वर्ष तक मान्य होगा।

देश का युवा स्नातक डिग्री के साथ अपने एवं अपने परिवार के सरकारी नोकरी के सपने को पुरा करने के लिए विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओ की तैयारी में जुट जाता है, देश के पिछड़े, दलित आदि समाज के गावों में रहने वाले छात्र उचित मार्गदर्शन की कमी होने के कारण यह तय नहीं कर पाते है की वें किस परीक्षा की तैयारी करें, जिससे समय समय पर अपना मार्ग बदलते रहते है एवं तैयारी के लिए  विभिन्न कोचिंग संस्थानों में जाकर अलग अलग परीक्षा के लिए मोती फीस भरते रहते है एवं उसे भिन्न भिन्न परीक्षा क लिए भिन्न भिन्न पाठ्यक्रम की भिन्न भिन्न  किताबे पढनी होती है जिसके बाद छात्रों में मानसिक तनाव बढ़ जाता है। अब एक परीक्षा के लिए एक पाठ्यक्रम होगा, जिसके लिए एक तरह किताबे पर्याप्त होगी, जिससे जेब पर भार कम होगा एवं मानसिक तनाव में भी कमी आएगी एवं भर्तियो के फॉर्म निकने से परिणाम तक छात्र लम्बे समय तक इंतजार करता था अन उस समयावधि में भी कमी आएगी। समय पर सरकारी पदों पर चयन होगा।

कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट की मुख्य विशेषताएं:

कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट साल में दो बार आयोजित किया जाएगा।

विभिन्न स्तरों पर रिक्तियों की भर्ती के लिए स्नातक स्तर, 12 वीं पास स्तर और 10 वीं पास स्तर के लिए अलग-अलग सीईटी होंगे।  

सीईटी 12 प्रमुख भारतीय भाषाओं में आयोजित किया जाएगा। यह एक बड़ा बदलाव है अब तक केंद्र सरकार की नौकरियों में भर्ती के लिए परीक्षाएं केवल अंग्रेजी और हिंदी में आयोजित की जाती है।

शुरुआत के लिए सीईटी अंतर्गत तीन मुख्य एजेंसियों को सम्मलित किया जाएगा जो की कर्मचारी चयन आयोग, रेलवे भर्ती बोर्ड और बैंकिंग कार्मिक चयन संस्थान है, बाद में चरणबद्ध तरीके से इसका विस्तार किया जाएगा।

भारत भर में 1,000 केंद्रों में सीईटी आयोजित की जाएगी, वर्तमान में सिर्फ शहरो में परीक्षा होती आई है परन्तु अब देश के हर जिले में एक परीक्षा केंद्र होगा अब देश हर जिले में परीक्षा केंद्र होगा जिससे गावं तथा छोटे कस्बे की छात्रों को खासकर महिलाओ का अधिक लाभ होगा। सरकार द्वारा 117 आकांक्षी जिलों में परीक्षा आधारभूत ढांचा स्थापित करने के लिए भी राशि खर्च होगी। सीईटी उम्मीदवारों के शॉर्टलिस्ट होने के लिए प्रथम स्तर की परीक्षा होगी और उसका स्कोर तीन साल के लिए मान्य होगा। अथार्त उम्मीदवार एक बार परीक्षा पास कर लेगा तो ३ साल तक हर भर्ती के लिए योग्य रहेगा। सीईटी में उपस्थित होने के लिए उम्मीदवार द्वारा किए जाने वाले प्रयासों की संख्या पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा, एक तय उम्रसीमा में छात्र जब तक चाहे तब तक छात्र परीक्षा दे सकता है साथ ही मौजूदा नियमों के अनुसार अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के उम्मीदवारों के लिए आयु में छूट लागू होगी।

छात्रों के लिए एनआरए के लाभ:

कई परीक्षाओं में उपस्थित होने की परेशानी को दूर हो जाएगी।

चूंकि परीक्षा हर जिले में आयोजित की जाएगी, इसलिए यह उम्मीदवारों के लिए यात्रा और रहने की लागत तथा समय को काफी हद तक बचाएगी। अपने स्वयं के जिले में परीक्षा होने से अधिक महिला उम्मीदवारों  के लिए सरकारी नौकरियों में आवेदन करने के लिए प्रोत्साहित करेगी।

आवेदकों को एक ही पंजीकरण पोर्टल पर पंजीकरण करना होगा।

परीक्षा की तारीखों के टकराव के बारे में चिंता से मुक्ति मिलेगी।

एक से अधिक संस्थानों में लाभ प्राप्त करने के अवसर मिलेंगे।

उम्मीदवारों की प्रारंभिक / स्क्रीनिंग परीक्षा आयोजित करने की परेशानी को हो जाएगी।

परीक्षा पैटर्न में मानकीकरण आएगा एवं गुणवत्ता बढ़ेगी।

विभिन्न भर्ती एजेंसियों के लिए लागत कम होगी। इससे 600 करोड़ रुपये की बचत की उम्मीद है।

सरकार ने ग्रामीण और दूर दराज के क्षेत्रों में उम्मीदवारों को ऑनलाइन परीक्षा प्रणाली से परिचित कराने के लिए आउटरीच और जागरूकता सुविधा प्रदान करने की योजना बनाई है। प्रश्नों, शिकायतों और प्रश्नों के उत्तर के लिए 24×7 हेल्पलाइन स्थापित की जाएगी।

राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी सोसायटी पंजीकरण अधिनियम के तहत पंजीकृत सोसायटी होगी। इसकी अध्यक्षता भारत सरकार के सचिव के रैंक के अध्यक्ष करेंगे। इसमें रेल मंत्रालय, वित्त मंत्रालय / वित्तीय सेवा विभाग, एसएससी, आरआरबी और आईबीपीएस के प्रतिनिधि होंगे। सरकार ने राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी (एनआरए) के लिए 1517.57 करोड़ की राशि मंजूर की है। व्यय तीन वर्षों की अवधि में किया जाएगा। एनआरए एक विशेषज्ञ निकाय होगा जो केंद्र सरकार की भर्ती के क्षेत्र में अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी के साथ सर्वोत्तम होगा।

इस नीति ने युवाओ को अपने सपने पूरा करने में आसनी होगी साथ हे साथ एक भारत श्रेष्ट भारत की संकल्पना का उद्देश्य में विस्तार होगा। अलग अलग भाषा में परीक्षा होना ये अमुलचुक परिवर्तन है जो की भारत की विवधता में एकता को प्रदर्शित करेगा। स्थानीय भाषा के अध्ययन पर राष्ट्रीय शिक्षा निति में भी जोर दिया गया है इससे अनुमान लगाया जा सकता नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी का गठन एक दूरगामी मुख्य कदम है। इससे नयी शिक्षा निति के पश्चात नयी रोजगार निति की उम्मीद सरकार से की जा रही थी उसी की तरफ बढ़ते कदंम का ये सदेश भी दिख रहा है। समय पर परीक्षा होने, एक हे स्कोर कार्ड से अलग अलग पदों पर भर्ती होने समय जरूरत पड़ने पर तत्काल प्रभाव से रिक्तियां भरी जा सकेंगी जिससे बेरोजगारी की समस्या का निवारण होगा। यहीं पात्रता जल्द ही प्राइवेट सेक्टर में भी लागु की जाए ऐसी मांग भी देश में उठने लगी है जिससे निजी कंपनियों में भी योग्यता के आधार पर भर्ती हो यह सुनिश्चित होगा साथ ही साथ पारदर्शिता भी बढ़ेगी।

(मनीष जांगिड़, शोध छात्र, पर्यावरण विज्ञानं संस्थान, जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय दिल्ली | ईमेल: mbjmanish@gmail.com | Take a look at Manish Jangid मनीष जांगिड (@ManishJangidJNU): https://twitter.com/ManishJangidJNU?s=09 )

Manish Jangid: Doctoral Candidate, School of Environmental Sciences, Jawaharlal Nehru University, Delhi | Columnist | Debater | Environmentalist | B.E. MBM JNVU |Akhil Bharatiya Vidyarthi Parishad JNU, Presidential Candidate JNUSU2019 |स्वयंसेवक | ABVP Activist | Nationalist JNUite, Fighting against Red Terror/Anti nationalist forces communists |
Disqus Comments Loading...