ऊपर लदी थी प्याज की बोरियां,नीचे थे गौवंश, वाहन में आपातकालीन ड्यूटी की स्टीकर लगाकर की जा रही है गौवंशों की तस्करी

झारखंड में झारखंड गोवंशीय पशु हत्या प्रतिषेध अधिनियम 2005 लागू होने के लगभग 15 वर्ष पूरे होने को हैं। इसके बावजूद प्रशासन की नाक के नीचे प्रतिबंधित पशुओं की तस्करी लगातार हो रही है। गौ तस्कर तस्करी के नए-नए तरीके अपना रहे हैं। यदि आप सोच रहे हैं कि लॉक डाउन का इन तस्करों पर कोई प्रभाव पड़ रहा है तो आप बिल्कुल गलत सोच रहे हैं। ये इतने चालाक और शातिर हैं कि लॉक डाउन के दौरान जारी किए जाने वाले इमरजेंसी ड्यूटी स्टीकर को हथियार बनाकर तस्करी की घटना को अंजाम दे रहे हैं।

गुरुवार को गौ तस्करी का एक ऐसा ही नया मामला झारखंड राज्य से सामने आया। दरअसल गुरुवार को झारखंड के गिरिडीह जिला अंतर्गत जमुआ-कोडरमा मुख्य मार्ग पर तेतरआमो गांव के समीप आपातकालीन ड्यूटी का स्टिकर चिपकाए प्याज की बोरी लदे एक टाटा अल्ट्रा कंटेनर से 26 गौवंशों को बरामद किया गया। हालांकि इनमें से 4 की मौत हो चुकी थी। बताया गया कि संबंधित वाहन का गुल्ला टूट जाने तथा टायर फट जाने के कारण ही यह मामला सामने आ पाया और आप भी जानते हैं कि ऐसे मामले अक्सर कुछ न कुछ हादसे की वजह से ही सामने आते हैं। हालांकि गुप्त सूचना के आधार पर भी पुलिस कुछ मामलों का उद्भेदन करती है।

गौवंश लदा वाहन

दरअसल गुरुवार की सुबह तेतरआमों गांव के पास वाहन के टायर फटने की आवाज सुनकर कुछ ग्रामीण सड़क पर पहुंचे। यहां उन्हें एक वाहन दिखाई दी जिसके टायर फट चुके थे। वाहन के आगे शीशे पर “आपातकालीन ड्यूटी Covid-19 खाद्य सामग्री हेतु” लिखा हुआ स्टिकर चिपका हुआ था। कंटेनर के ऊपर प्याज से भरी बोरियां लदी हुई थी। लेकिन कुछ ही देर में कंटेनर से मवेशियों की आवाज आने लगी। मवेशियों की आवाज सुनकर लोगों को संदेह हुआ।इधर वाहन दुर्घटनाग्रस्त होते ही वाहन के चालक एवं खलासी फरार हो चुके थे। इस बात ने लोगों के संदेह को और बल दिया। लोगों ने मामले की सूचना पुलिस को दी।सूचना मिलते ही खोरी महुआ एसडीओ धीरेंद्र कुमार सिंह,जमुआ के प्रखंड विकास पदाधिकारी विनोद कुमार कर्मकार,आरक्षी निरीक्षक विनय कुमार राम, जमुआ थाना प्रभारी संतोष कुमार सदल बल संबंधित स्थल पर पहुचें तो देखा कि कंटेनर में गौवंश लदे हुए हैं। पुलिस टीम ने कंटेनर से 26 गौवंशों को बाहर निकाला। इनमें 4 की मौत पहले ही हो चुकी थी जिनका पोस्टमार्टम करवाकर उन्हें दफन कर दिया गया।

इस बाबत जमुआ थाना प्रभारी संतोष कुमार ने बताया कि बरामद 26 में से जीवित बचे 22 मवेशियों को मिर्जागंज-खरगडीहा स्तिथ गौशाला भेज दिया गया है। गौ तस्करी के तहत मामला दर्ज करते हुए आगे की कार्रवाई की जा रही है।

बरामद किए गए गौवंश


आपको बता दें कि इससे पहले 20 मई को तोपचांची थाना क्षेत्र के दुमदुमी से सब्जी ढोने वाले वााहन के माध्यम से पशु तस्करी का मामला सामने आया था। दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार बिहार से धनबाद की ओर जा रहे मवेशी लदे वाहन का पिछला चक्का टूट गया था। जिसके बाद पशु तस्कर छतिग्रस्त वाहन को सड़क पर छोड़ ठीक उसी अंदाज में फरार हो गए थे जैसा अक्सर इस मामले में ड्राइवर करते हैं। मामले की जानकारी के बाद पुलिस ने वाहन को जब्त करते हुए वाहन में लदे 6 मवेशियों को बरामद किया था।

भास्कर की ही रिपोर्ट के अनुसार 20 मई को ही ऐसा ही एक मामला कोडरमा जिले के चंदवारा थाना क्षेत्र से भी आया था।पुलिस ने यहां 3 मवेशी लदे ट्रकों को जब्त किया था। इनमे ठूंस ठूंस कर गौवंश ले जाए जा रहे थे। तीनों वाहनों में क्षमता से काफी अधिक संख्या में मवेशी लदे हुए थे। इनमें से आधा दर्जनों की मौत संभवतः घुटन की वजह से हो गई थी।ट्रक के ऊपर चावल की बोरी रख दी गई थी और पूरे ट्रक को तिरपाल से ढ़क दिया गया था। एक ऐसा लगे कि इसमें चावल ढोया जा रहा है।

Rahul4india: Nation First. Journalist , NCC Cadet(Army wing)
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