वर्तमान परिदृश्य में भारतीय समाज का भविष्य

हमारे यहाँ एक कहावत काफी लोकप्रिय है “जाय दियौ हमारा ओइसे की मतलब” यह वाक्य तब आता है जब किसी विषय पर दो तीन घंटे तक बकैती करने के बाद जब मन उकछ जाए।आज के भी परिपेक्ष भी ऐसे ही है हमारे सामज की, समाज में कुछ अगर समस्या होता है तो उसपर बात करने वाले हजारों, लाखों मिलेंगे, लेकिन जब बात अगर सुधारने की होगी तो ऊपर वाले वाक्य पर आ जाएंगे।

अभी हम एक ऐसे समाज मे जी रहे हैं जो मानसिक रूप से अलसिया गया है, एक समाज के नाते हमारा कर्तव्य है, की समाज को प्रभावित करने वाले जो भी कारक है उसके खिलाफ प्रखर आवाज़ उठाए, चाहे वह कनिका कपूर हो या या चाइनीज वायरस को घर- घर पहुचने वाले जमाती।

लेकिन नही हम तो बस उससे सब्जी नही खरीदने की अपील करेंगे वो भी सोशल मीडिया के माध्यम से।

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