ईमानदार की अफीम

लोग बोलते हैं कि demonetization का असर नहीं हुआ, तो आप गैर जरूरी चीजों की बिक्री देख लीजिये, आज ब्लैक वाले कैश नहीं होने के कारण भोग-विलास के सामान नहीं खरीद पा रहे हैं, महंगे मोबाइल की बिक्री आधी रह गयी है। मार्केटिंग की झोंक से बिकने वाले उत्पाद मार खा रहे हैं और ये सबूत है कि चोर-रईस आज सकपकाए हुए हैं, यदि इन लोगों ने पुरानी लाइफस्टाइल अपनाई तो पकड़ मे आ जाएंगे, क्योंकि कार्ड निकालने पड़ेंगे, चेक देने पड़ेंगे और यहाँ सरकार की रेडार पकड़ लेगी। वहीं सैलरी वाला या ईमानदार-रईस खुशी-खुशी ऑनलाइन या कार्ड से मोबाइल आदि खरीद रहा है, उसने इकॉनमी सम्हाली हुई है।

कुछ-एक रिसर्च है जिसमें भारत की 50-60% इकॉनमी को ब्लैक मनी आधारित माना गया है। सवाल ये है कि 60% इकॉनमी अगर बदमाशों के हाथ थी तो 40% को क्या था कि वो टैक्स भरते रहे? आखिर ईमानदारी का चस्का क्यों था? खैर, कारण चाहे भगवान हो या ईमान हो, मन ही मन ये 40% आज खुश है। जितनी बार लाइन लगेगा उतनी बार इसका सीना चौड़ा होगा। ईमानदार आदमी को त्याग मे भी बड़ा संतोष मिलता है, और संतोष पाकर ईमानदार हाइ हो जाता है। संतोष ईमानदार की अफीम है, और वो मोदी जी ने 8 नवंबर से भर भर के बांटी है।

भले ही ईमानदार के पास एक भी न्यूज़ चैनल नहीं है, इसके पास अमर्त्य सेन जैसे एकोनोमिस्ट नहीं हैं। इसका कोई नेता या पार्टी नहीं है लेकिन इसको ये नोट बदलने का कार्यक्र्म जच गया है। आम जनता को कैश का गोरखधंधा बताने के लिए कोई रॉकेट साइन्स नहीं मांगता है। आम जनता सब जानता है, लेकिन आम ईमानदार जनता को इज्जत मांगता है। जिंदगी भर जो ईमानदारी का उलाहना सुना उसका हिसाब बराबर होना मांगता है। और विमुद्रीकरण ने आज हिसाब करके दिया है। ईमानदार व्यापारी की बिक्री बढ़ी है, ईमानदार के खाली खाते मे लोग आकर पैसा डाल रहे हैं और वो भरपूर इतरा रहा है, लेकिन संतोष वाला चस्का है इसलिए एहसानपूर्वक खाते मे पैसा डलवा भी रहा है।

इस मामले को थोड़ा संगठन शास्त्र से भी समझिए। अबकी बार मोदी जी ने एक कार्यक्रम देकर आदमी से भाषणबाजी या पान के गल्ले पर बकर-भंजन के अलावा लाइन मे लगने का जमीनी काम भी करवा दिया है, इसलिए अब ये इंसान केवल प्रशंसक नहीं रह गया, अब ये आदमी कार्यकर्ता हो गया है। अब ये आदमी ईमानदारी कि धुन मे मोदी के लिए चुनाव लड़ेगा। भले भाजपा के कुछ नेता उनकी लुटिया डूबने की वजह से गरम-ठंडे हो रहे हों। आज मोदी जी का वोट बैंक 28% से ऊपर आ गया है, 40% कि ओर बढ़ गया है।

इसलिए ईमानदारों से निवेदन है कि कृपया आज के हालत पर गंभीरता से भिड़े रहें, लाइन मे लगे हुए अपने भाई को कोई बेवकूफ न बना ले जाए। जब तक हम cashless नहीं हो जाते, तब तक कि लंबी लड़ाई पूरे असलहे से लड़ना है, किसी भी कारण से नहीं रुकना है। नशा उतरने न पाये।

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