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भविष्‍य के हाथों में खंजर देकर देख लिया, अब गिरेबां में झांकने का वक्‍त

बाल सुधारगृह, बच्‍चा जेल की अवधारणा तक आ पहुंचे हम क्‍या अपने गिरेबां में झांक कर देखने की हिम्‍मत करेंगे?