उरी का प्रतिशोध – एक कविता
एक गूँज उठी उस रात में, हाहाकार मची चारों ओर, जब अश्वथामा आया चुपके से, ले हाथ तलवार बिना शोर...
30 September 2016
एक गूँज उठी उस रात में, हाहाकार मची चारों ओर, जब अश्वथामा आया चुपके से, ले हाथ तलवार बिना शोर...
A balanced outlook