शाहीन बाग़ की ये शेरनियां, कौनसी आज़ादी की बात करती है?
रिवाजों की सूली चढ़ जाती है लेकिन हलाला के ख़िलाफ़ आवाज़ ना उठा पाती है,मैं सोचती हूँ कि शाहीन बाग़ की महिलाएँकौनसी आज़ादी की…
2 March 2020
रिवाजों की सूली चढ़ जाती है लेकिन हलाला के ख़िलाफ़ आवाज़ ना उठा पाती है,मैं सोचती हूँ कि शाहीन बाग़ की महिलाएँकौनसी आज़ादी की…
Indian feminism is just another way to destroy Hindu culture.