क्या “मानवता” ही हमारे समय की सबसे बड़ी अतिशयोक्ति है?
परिस्थितियों को देखने पर लगता है, “मानवता” ये शब्द अथवा तत्व ही हमारे समय की सबसे बड़ी अतिशयोक्ति है।
27 April 2021
परिस्थितियों को देखने पर लगता है, “मानवता” ये शब्द अथवा तत्व ही हमारे समय की सबसे बड़ी अतिशयोक्ति है।
चुनौती के लिए खुद को तैयार कर उसका समाधान एक प्रशिक्षित व्यक्ति ही खोज सकता है। संघ स्वयंसेवकों में इसी भाव का बीजारोपण करता…
यह विचारणीय है कि झण्डेवालान में सेवा भारती की रसोई को वही मीडिया दिल्ली सरकार की रसोई बना कर पेश करता है। जबकि वही…