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क्या “मानवता” ही हमारे समय की सबसे बड़ी अतिशयोक्ति है?

परिस्थितियों को देखने पर लगता है, “मानवता” ये शब्द अथवा तत्व ही हमारे समय की सबसे बड़ी अतिशयोक्ति है।