नया परिप्रेक्ष्य: व्यापार नहीं है परिवार
परिवार मे पारिवारिक और व्यापार मे व्यापारिक होना ही सही नीति है और इसी भूमिकाओं के विभाजन से ही से परिवार बच सकता है।
परिवार मे पारिवारिक और व्यापार मे व्यापारिक होना ही सही नीति है और इसी भूमिकाओं के विभाजन से ही से परिवार बच सकता है।
इसी बीच लोगो ने एक बहुत ही विकट अवधारणा बनानी शुरू कर दी कि राष्ट्र निर्माण का सारा दायित्व केवल सरकार का है। लोगो…
इंसान के बाहरी रूप को देखकर कई महा अनुभवों को गलती हो जाती है, कई बार तो इस गलती का स्तर इतना ऊंचा होता…
जिन क्षेत्रों में संस्थागत, नीतिगत और निवेश आधारित सुधारों की बात की गई है वो सभी अति महत्व के क्षेत्र हैं। जहाँ एक ओर…
जहां देश कोरोना के संकट से जूझ रहा था, मजदूर भूख से तड़प रहे थे, दिहाड़ी मजदूर दूसरे प्रदेशों में फंसे होने के कारण…
आत्मनिर्भर भारत का स्वप्न तब तक साकार नहीं हो सकता जब तक कि भारत के गाँव और कृषि व्यवस्था सुदृढ़ नहीं होती। इसी आवश्यकता…
इतिहासकार गुरु जी के शहीद होने का कारण कुछ भी या किसी को भी बताएं, पर सच यही है की उनके बढ़ते प्रभाव और…
शाम आठ बजे और कुछ टीआरपी जैसे समाजवादी कारणों से अब नौ बजे, प्राइमटाइम में अधोमुखी मेरूरज्जु से निहुरा हुआ एक अदना सा पत्रकार…
इस पैकेज का दूसरा भाग 14 मई को जनता के सामने लाया गया जो मुख्यतः कृषकों, प्रवासी मजदूरों और रेहड़ी-ठेला लगाने जैसा व्यापार करने…
गोपालगंज में मस्जिद को शक्तिशाली बनाने के लिए बच्चे की दी बलि, पुलिस प्रताड़ना के बाद हिन्दू परिवार को छोड़ना पड़ा गाँव…