संजय राउत को ED ने हिरासत में लिया, घर के बाहर भारी संख्या में समर्थक जमा, नारेबाजी जारी

शिवसेना सांसद संजय राउत को ED ने हिरासत में लिया है. मुंबई में उनके घर पर सुबह सात बजे से ही छापेमारी चल रही थी. प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों ने राउत को ED ऑफिस चलने के लिए कहा था. लेकिन उन्होंने इससे इनकार कर दिया था. यह छापेमारी पात्रा चॉल घोटाले से जुडे़ मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में हुई.

मुंबई,
संजय राउत को ईडी ने हिरासत में लिया, राउत पर जांच में सहयोग ना करने का आरोप लगा.

संजय राउत को प्रवर्तन निदेशालय ने हिरासत में ले लिया है. पिछले 8 घंटे से ईडी उनके घर पर छानबीन कर रही थी. ईडी ने यह छापेमारी पात्रा चॉल घोटाले से जुडे़ मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में की थी. रविवार को ED की टीम सुबह 7 बजे राउत के भांडुप स्थित घर पर पहुंची थी.

संजय राउत को ईडी टीम अपने दफ्तर लेकर जाना चाहती है. लेकिन अभी राउत के घर के बाहर उनके समर्थक जमा हो चुके हैं. वे नारेबाजी कर रहे हैं.

ईडी की टीम के पहुंचने के बाद राउत के वकील भी उनके घर पहुंच गये थे. बाहर काफी समर्थक भी जमा हो गए थे. ईडी ने संजय राउत पर जांच में सहयोग न करने का आरोप लगाया था.

संजय राउत के घर ईडी के छापे पर गरजे उद्धव, कहा- ये एक बेशर्म साजिश है, इसे धराशायी करने की जरूरत.

जानकारी के मुताबिक, जब उन्हें जांच एजेंसी ने अपने साथ ED ऑफिस चलने के लिए कहा तो उन्होंने कहा कि वे मौजूदा सांसद हैं. उन्होंने 7 अगस्त तक का समय मांगा था. लेकिन अब ईडी उनको हिरासत में लेकर अपने साथ ले जा सकती है.

छापेमारी के वक्त राउत ने सफाई दी थी कि एक जिम्मेदार सांसद के रूप में उन्हें संसद सत्र में भाग लेना है और इसलिए वह 20 और 27 तारीख को ईडी के सामने पेश नहीं हुए. उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने 7 अगस्त तक का समय मांगा है और अगर उस दिन तलब किया जाता है तो वह ईडी के अधिकारियों के सामने पेश होंगे.

27 जुलाई को भी पेश नहीं हुए थे राउत
इससे पहले 27 जुलाई को ईडी ने मामले में राऊत को समन भेजकर पूछताछ के लिए हाजिर रहने को कहा था, लेकिन भी राउत पेश नहीं हुए थे और उन्होंने पेशी से छूट मांगी थी. लेकिन तब ईडी ने इसे स्वीकार नहीं किया था.

यह है पात्रा चॉल घोटाला मामला
ईडी के मुताबिक, गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन को पात्रा चॉल को पुनर्विकसित करने का काम मिला था. यह काम MHADA ने उसे सौंपा था. इसके तहत मुंबई के गोरेगांव में 47 एकड़ में पात्रा चॉल में 672 किरायेदारों के घरों पुनर्विकसित होने थे.

ED के मुताबिक गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन ने MHADA को गुमराह किया और बिना फ्लैट बनाए ही यह जमीन 9 बिल्डरों को 901.79 करोड़ रुपये में बेच दी. बाद में गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन ने Meadows नाम से एक प्रोजेक्ट शुरू किया और घर खरीदारों से फ्लैट के लिए 138 करोड़ रुपये जुटाए.

जांच में सामने आया कि कंस्ट्रक्शन कंपनी ने गैरकानूनी तरीके से 1,034.79 करोड़ रुपये से ज्यादा की कमाई की. आगे चलकर उसने गैरकानूनी तरीके से ही इस रकम को अपने सहयोगियों को ट्रांसफर कर दी.

ED के मुताबिक गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड हाउसिंग डेवलपमेंट एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (HDIL) की सिस्टर कंपनी है. जांच में सामने आया कि HDIL ने करीब 100 करोड़ रुपये प्रवीण राउत के खाते में जमा कराए थे.

2010 में प्रवीण राउत की पत्नी माधुरी ने संजय राउत की पत्नी वर्षा राउत के खाते में 83 लाख रुपये ट्रांसफर किए थे. इस रकम से वर्षा राउत ने दादर में एक फ्लैट खरीदा. ED की जांच शुरू होने के बाद वर्षा राउत ने माधुरी राउत के खाते में 55 लाख रुपये भेजे थे.

ED के मुताबिक, प्रवीण राउत ने राकेश वधावन और सारंग वधावन के साथ मिलकर हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की हेराफेरी की है.

ED ने प्रवीण राउत और उसके करीबी सुजीत पाटकर से जुड़े ठिकानों पर छापेमारी की थी. प्रवीण राउत और संजय राउत कथित तौर पर दोस्त हैं. वहीं, सुजीत पाटकर को भी संजय राउत का करीबी माना जाता है. सुजीत पाटकर संजय राउत की बेटी के साथ एक वाइन ट्रेडिंग कंपनी में पार्टनर भी है.

Sampat Saraswat: Author #JindagiBookLaunch | Panelist @PrasarBharati | Speaker | Columnist @Kreatelymedia @dainikbhaskar | Mythologist | Illustrator | Mountaineer
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