पुस्तक समीक्षा: “राष्ट्रवाद की गंगा”

श्वेता सिंह और सुयश सिंह की पुस्तक राष्ट्रवाद की गंगा इन दिनों चर्चा में है। पुस्तक में दोनों लेखकों ने मनीषियों और राष्ट्रवाद पर प्रकाश डाला है.

श्वेता सिंह व सुयश सिंह की किताब ‘राष्ट्रवाद की गंगा–

संघ – कैसे केशव बलीराम हेडगेवार ने संघ की स्थापना किया
और कैसे संघ से निकले स्वयं सेवक वर्तमान में राष्ट्र के लिए कार्य कर रहे है, अगल अलग छेत्रो में, संघ पर जो लोग आरोप लगाते है संघ पर सदैव जो लोग प्रश्न चिन्ह लगाते है राष्ट्र की भावना को लेकर कई बार संघ को आतंकी भी कहा गया वो संघ को पूरी तरह समझ नहीं पाए अभी तक संघ को समझने की लिए आपको इस बुक का अध्ययन करना चाहिए।
सरदार पटेल- सरदार पटेल ने कैसे हिंदुस्तान को टूटने से बचाया राष्ट्र के एकता अखंडता को जानने के लिए व राष्ट्र के प्रति मौलिक कर्तव्यों को कैसे निभाना चाहिए इसलिए भी ये पुस्तक प्रत्येक भारतीय को अवश्य पढ़नी चाहिए।
श्यामा प्रसाद मुखर्जी श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने राजनीति से प्रथम राष्ट्रनीति को रखा और आजीवन कश्मीर के लिए संघर्ष करते रहे उनके इस संघर्ष को समझने व नई पीढ़ी में हर राज्य एक समान के भाव के लिए भी ये पुस्तक बेहद जरूरी है जो युवा पीढ़ी को पढ़नी चाहिए।
सुभाष चंद्र बोस सुभाष चंद्र बोस ने कैसे हिंदुस्तान को आज़ाद कराने के लिए आजादी से पहले आजाद हिंद सरकार की स्थापना कि और उस समय लोगो मे राष्ट्र की भावना उत्पन्न करने में सफल रहे।
लाल बहादुर शास्त्री लाल बहादुर शास्त्री ने विपरीत विचारधारा में भी राष्ट्रवाद के कार्यो को कैसे किया देश के सर्वोच्च पद पर होकर भी कठिन परिश्रम कर देश हित मे कैसे कार्य करे ये जानने के लिए पुस्तक पढ़नी चाहिए,।
योगी आदित्यनाथ योगी आदित्यनाथ कैसे सन्यासी होते हुए भी आप समाजिक राष्ट्रीय कार्य कर सकते हैं सिखाया कैसे आप मठ मंदिर व सामाजिक सभी परिस्थितियों में राष्ट्र के लिए कार्य कर सकते है ।
नरेंद्र मोदी नरेंद्र मोदी ने वर्तमान के राजनीति में राष्ट्रनीति को कैसे उदय किया जाए कैसे राष्ट्रनीति को आगे बढ़ावा मिले जानने के लिए ये पुस्तक पढ़नी चाहिए।

ये पुस्तक संघ और राष्ट्रीयता और भारतीयता पर आधारित है वर्तमान पीढ़ी के लिए ये पुस्तक मिल का पत्थर है

“राष्ट्रवाद की गंगा”

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