अग्निपथ योजना: एक स्वर्णिम युवा भविष्य और शसक्त देश

पृष्ठभूमि:-
संजय के पिताजी सब्जियां बेचकर संजय के पढ़ाई का खर्चा बड़ी मुश्किल से उठाते थे। स्कूल के बाद संजय भी उनके साथ साब्जियां बेचा करता था। किसी प्रकार उसके पिता ने १२ वी तक कि पढ़ाई पूरी करवाई, अब संजय १६ से १७ वर्ष का हो चुका था, परन्तु आगे की पढ़ाई के लिए ना तो पैसे थे और ना दिशा। गरीबी कि मार झेल रहे संजय के पास पढ़ाई छोड़कर छोटे मोटे धंधे में कूदने के आलावा कोई चारा ना था।

जी हाँ मित्रों ना जाने ऐसे कितने संजय हर वर्ष गरीबी कि मार झेलकर अपनी प्रतिभा का गला घोटने को मजबूर हो जाते हैं। वही मध्यम वर्ग के बच्चे भी होते हैं, कुछ हमारी तरह या आपकी तरह जो १२ वी पास करने के बाद कभी मेडिकल की तैयारी, कभी इन्जिनियरिंग की तैयारी तो कभी किसी अन्य प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी में अपने जीवन का अमूल्य समय १७ से २१ वर्ष का बस यूँ हि खो देते हैं, बिना किसी परिणाम के।

अब कई ऐसे भी बच्चे होते हैं, जो १७से २१ वर्ष की आयु में उचित मार्गदर्शन ना मिलने के कारण भटक जाते हैं और असमाजिकता के दलदल में फंसकर अपना भविष्य बर्बाद कर लेते हैं।

मित्रों आप और हम अच्छे तरीके से जानते हैं की आज के युग में देशों के मध्य युद्ध बड़ी बड़ी मशीनों या मिसाइलो के द्वारा नहीं, अपितु आधुनिक तकनीक और मजबूत शारीरिक और तीव्र मानसिक शक्ति वाले युवाओं के बल पर लड़ा जाता है, उदाहरण के लिए:- इजराइल की सेना ने अपने देश में बैठे बैठे हजारों किलोमीटर दूर ईरान में अपने घर जा रहे ईरान के परमाणु वैज्ञानिक को सटीक तकनीक से मार गिराया। द्वारा उदाहरण देखें तो हमारी सेना ने जब पाकिस्तान में सर्जिकल स्ट्राइक की तो उस टिम में जो सैनिक थे वो सभी ३० वर्ष की उम्र से कम उम्र के थे और अपने शरीर पर ७० किलो से भी ज्यादा का आयुध लेकर बड़ी चपलता से सीमा में घुसे और आतंकियों को सबक सिखा कर सुरक्षित वापस आ गए।

आप सोच रहे होंगे, आखिर ये सब मैं क्या बता रहा हूँ, पर विश्वास करिये यही तो मुख्य पृष्ठभूमि है जिसने अग्निपथ जैसी खूबसूरत योजना को जन्म दिया।

अग्निपथ योजना:-
इसकी घोषणा १६ जून २०२२ को हमारे देश के रक्षा मंत्री आदरणीय श्री राजनाथ सिंह जी और तीनो सेनाओ के प्रमुख द्वारा की गई।अग्निपथ योजना सशस्त्र बलों की तीन सेवाओं में (कमीशन अधिकारियों के पद से नीचे के) सैनिकों की भर्ती के लिए भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक नई योजना है। इस योजना के तहत सेना में शामिल होने वाले जवानों को ‘अग्निवीर’ के नाम से जाना जाएगा।

योग्यता अथवा मापदंड:-
इस अग्निपथ योजना के लिए १७.५ वर्ष से २१ वर्ष के बीच के देश के उत्साही युवा आवेदन कर सकेंगे। कोरोना महामारी के कारण पिछले २ वर्षो से रुकी हुई भर्ती के कारण अधिक से अधिक युवाओं को मौका देने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा इस योजना के केवल पहले वर्ष की भर्ती में उम्र सीमा में २ वर्ष की छूट दी गयी है। आवेदन करने वाले युवा कम से कम ५० फीसदी नंबरों के साथ १२वीं पास होने चाहिए।

अग्निपथ स्कीम की विशेषता:-

अग्निवीरो का चयन इस योजना के अंतर्गत मेरिट के आधार पर किया जाएगा। इसमें आरक्षण का कोई प्रावधान नहीं किया गया, अत: मेरिट से चुनकर आने वाले अग्निविर केवल देश पर समर्पित युवा और जोशीले सैनिक होंगे, उनका किसी जात धर्म या सम्प्रदाय से कोई लेना देना नहीं होगा।

चयनित अग्निवीर प्रारम्भ में ६ माह के अति आवश्यक सैन्य प्रशिक्षण के दौर से गुजरेंगे और फिर ४ वर्षो के लिए वो सैनिक के रूप में देश कि सुरक्षा के लिए सैनिक के रूप में सेवा देना शुरू कर देंगे।

इस योजना के अंतर्गत अग्निविरो को प्रथम वर्ष रुपए ३०,०००/- का मासिक वेतन भी दिया जाएगा, जिसमें ३℅ की वृद्धि प्रत्येक वर्ष की जाएगी अर्थात अग्निवीरो को निम्न प्रकार से वेतन दिया जाएगा:-
प्रथम वर्ष:- रुपये ३०,०००/- उनको मिलेगा ₹२१०००/-
दूसरे वर्ष:- रुपये ३३,०००/- उनको मिलेगा ₹२३१००/-
तीसरे वर्ष:-रुपये ३६,५००/-उनको मिलेगा ₹२५५८०/-
चतुर्थ वर्ष:- रुपये ४०,०००/-उनको मिलेगा ₹२८०००/-

केंद्र सरकार सेवा निधि योजना के तहत सरकार वेतन का ३० प्रतिशत हिस्सा सेविंग के रूप में रख लेगी। साथ ही इसमें वह भी इतना ही योगदान करेगी और चार वर्ष बाद सैनिकों को १० लाख से १२ लाख रुपये दिए जाएंगे। ये पैसा टैक्स फ्री होगा।

इसके अतिरिक्त प्रत्येक अग्निवीर को मेडिकल पॉलिसी भी सरकार के द्वारा दी हि जाएगी साथ हि साथ सैनिको को दी जाने वाली समस्त योजनाओं का लाभ भी मिलेगा (पेंशन छोड़कर)। सेवा के दौरान किसी प्रकार की अनहोनी होने की अवस्था को मद्देनज़र अग्निवीरों को ४८ लाख रूपए का बिमा किया जाएगा।

अग्निपथ स्कीम के तहत सेना के जवान अर्थात अग्निवीरों को भी उत्त्कृष्ट प्रदर्शन के एवज में गैलेंट्री अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा। इस योजना के कारण युवाओं के लिए सशस्त्र सैन्य बलों में जाने के अवसर बढ़ेंगे। आज सशस्त्र सेनाओं में जितनी संख्या है, अग्निवीरों की भर्ती इससे तीन गुना होगी।

चार वर्ष के पश्चात क्या?

१:- ४ वर्ष की सेवा के पश्चात, मेरिट के आधार पर २५℅ अग्निविरो को सेना में स्थायी रूप से सम्मिलित कर लिया जाएगा।
२:- जो अग्निवीर ४ वर्ष के पश्चात सेना में सम्मिलित नहीं हो पाएंगे और फिर भी एक सैनिक के रूप में देश कि सेवा करना चाहते हैं, उनके लिए केंद्र सरकार की सभी सुरक्षा एजेंसियो जैसे BSF, CRPF या CISF इत्यादि में १०% का आरक्षण दिया जाएगा।

३:- उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश तथा हिमाचल प्रदेश इत्यादि राज्यों ने भी घोषणा कर दी है, अग्निवीरो को राज्य से सम्बन्धित सुरक्षा एजेंसियो इत्यादि में सम्मिलित कर लेंगे।

४:- चार वर्ष की सेवा समाप्ति के पश्चात अग्निवीरों को उनकी कौशलता के अनुरूप स्किल सर्टिफिकेट दिया जाएगा। जो भविष्य में उनके लिए रोजगार के रास्ते खोलेगा।

५:-जो युवा अग्निवीर उद्यमी बनने के इच्छुक हैं, उन्हें वित्तीय पैकेज व बैंक लोन मिलेंगे।

६:- जो अग्निवीर आगे पढ़ने के इच्छुक हैं, उन्हें १२वीं के समकक्ष प्रमाणपत्र देकर ब्रिज कोर्स करवाया जाएगा
जो जॉब करना चाहते हैं, उन्हें केंद्रीय सशस्त्र सुरक्षा बलों व राज्य पुलिस में प्राथमिकता मिलेगी कई अन्य सेक्टर भी इन अग्निवीरों के लिए खोले जाएंगे।

निष्कर्ष:-
१७से २१ वर्ष के युवाओं के उत्साह, उमंग और शारीरिक व मानसिक मजबूती का उपयोग देश को सुरक्षित रखने में किया जा सकेगा। गरीब से गरीब तबके के युवा इस योजना के अंतर्गत अपने भविष्य को शसक्त और सुदृढ़ बना सकते हैं। देश कि सेना तकनिकी का विशेष उपयोग कर सकती है। युवाओं के भटकाव में कमी आएगी। २१ वर्ष के युवा के हाथ में जब ११ से १२ लाख रुपये की रकम होगी और वित्तीय संस्थाएं उसकी और भी सहायता के लिए तैयार होंगी तो अपनी सोच क्षमता और ज्ञान के आधार पर अपना स्वर्णिम भविष्य का निर्माण कर सकता है।

चुंकि केंद्र सरकार रेजिमेंटल प्रणाली में कोई बदलाव नहीं कर रही है। बल्कि इस योजना के अनुसार वो प्रणाली को और मजबूत बना रही है क्योंकि यहां श्रेष्ठ अग्निवीर चुनकर आएंगे, इससे सेना कि व्यवस्था में सामंजस्य में और भी सुधार आएगा।

जैसा कि हम सब जानते हैं कि अमेरिका, इजराइल, तुर्की जैसे अधिकतर देशों में छोटी अवधि के लिए सैन्य भर्ती व्यवस्था है, यह युवा और चुस्त सेना के लिए अच्छी मानी जाती है। पहले साल में भर्ती होने वाले अग्निवीर कुल सशस्त्र सैन्य बल के ३% होंगे। उनका प्रदर्शन जांच कर चार साल बाद सेना में फिर शामिल किया जाएगा। इस प्रकार सेना को वरिष्ठ रैंक पर जांचे-परखे सैनिक मिलेंगे।

विश्व की अधिकतर सेनाएं युवाओं पर निर्भर हैं। किसी भी समय सेना में अनुभवी लोगों से युवाओं की संख्या ज्यादा नहीं होगी। बल्कि अग्निपथ योजना से भी धीरे-धीरे ५०-५० प्रतिशत युवा व अनुभवी वरिष्ठ रैंक अधिकारियों का अनुपात कायम होगा। जो युवा ४ वर्ष सेना की यूनिफॉर्म पहनेंगे, वे देश के प्रति समर्पित रहेंगे। सैनिकों की औसत उम्र ३२ से २५ वर्ष करने में मदद मिलेगी

अब ऐसी स्वर्णिम योजना का विरोध करते हुए कुछ भटके हुए लोगों ने देश के ७०० करोड़ की सम्पत्ति को नष्ट कर दिया। और विश्वास मानिये ये संयोग नहीं था अपितु षड्यंत्रकारीयो और देशद्रोहियों द्वारा जानबूझकर किया गया प्रयोग था। खैर सेना, रक्षा मंत्रालय और देश के सुरक्षा सलाहकार ने तो कह दिया कि अग्निपथ योजना कभी वापस नहीं होगी। अब देश का युवा अपना स्वर्णिम भविष्य अपने हाथो से तय कर सकता है।

लेखन और संकलन:- नागेंद्र प्रताप सिंह (अधिवक्ता)
aryan_innag@yahoo.co.in

Nagendra Pratap Singh: An Advocate with 15+ years experience. A Social worker. Worked with WHO in its Intensive Pulse Polio immunisation movement at Uttar Pradesh and Bihar.
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