यूपी की गरीब जनता को योगी की राहत

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने दुर्बल आय वर्ग के लिए नीजि विकासकर्ताओं की ओर से बनाए गए मकानों की रजिस्ट्री पांच सौ रूपये में कराने के आदेश देकर गरीब वर्ग को बहुत बडी राहत प्रदान की हैं। इससे जहां गरीबों के लिए मकान खरीदना और सस्ता हो जायेगा,वहीं भवन का निर्माण करने वाले बिल्डरों को भी बडी राहत मिलेगी।अभी तक निजी विकासकर्ताओें को अपनी आवासीय योजनाओं में दस प्रतिशत भूमि पर ईडब्लूएस यानि गरीबों के लिए मकान बनाना अनिवार्य हैं। ये मकान बन तो रहे है मगर बिक बमुश्किल ही पा रहे हैं। इसके पीछे रजिस्ट्री में आने वाला लगभग पचास हजार का खर्चा हैं।

आवास विकास परिषद और विकास प्राधिकरणों आदि की ओर से बनाए जा रहे ईडब्लूएस भवनों और प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के आंवटियों की रजिस्ट्री पांच सौ रूपये में ही होने जा रही हैं। एक ही उद्देश्य की पूर्ति में बाधक बने इस विरोधाभास को समाप्त करने का आग्रह निजी विकासकर्ताओं की संस्था क्रेडाई लगातार कर रही थी। मंगलवार को स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन विभाग ने शासनादेश जारी करके अंततः यह मांग पूरी कर दी हैं। मोदी सरकार ने वर्ष 2022 तक हर गरीब और बेघर को पक्का मकान उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा है। इस लक्ष्य पूर्ति के लिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार अपने पुरे दम-खम से जुटी हुई भी है लेकिन लक्ष्यपूर्ति इतनी आसान भी नहीं हैं। अगर अकेले आवास विकास परिषद की प्रगति देखें तो शासन से वर्ष 2021-22 तक 1.20 लाख प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतगर्त मकान बनाने का लक्ष्य मिला था लेकिन, बमुश्किल पच्चीस प्रतिशत ही बनाए जा सके है।इस धीमी गति के पीछे कोविड एक बडी वजह है ही साथ ही भूमि की उपलब्धता ना होना भी कारण है। इन सभी अवरोधों के बावजूद उत्साहजनक बात यही है कि सस्ते मकान उपलब्ध कराने में उत्तर प्रदेश सबसे अग्रणी स्थान पाया है। प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अंतगर्त उत्तर प्रदेश को 17.72 लाख मकान बनाने का लक्ष्य मिला था।

योगी सरकार बीती एक मार्च तक सात लाख से अधिक मकान बना चुकी है। आगामी वर्ष 2022 तक सबको मकान देने के संकल्प की पूर्ति के लिए निर्माण इकाईयों को पूरी क्षमता और शक्ति झोंक देने की आवश्यकता हैं,ताकि तय समय के बाद कोई गरीब बेघर न रहे। इसमे कोई दो राय नहीं है मार्च 2017 के बाद प्रदेश में बनी योगी सरकार ने जनसंख्या के मामले में सबसे बडे सूबे उत्तर प्रदेश में जिस प्रकार से कार्य किया है और अपनी कार्यकुशलता से प्रदेश को अलग अलग क्षेत्रों में अग्रणी बना दिया है जो उनके नेतृत्व की शैली को दर्शता है। हाल ही मे उत्तर प्रदेश लॉजिस्टिक रैंकिग में 13वें स्थान से सीधा छठवें स्थान पर पहुंच गया है। ये मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रदेश की जनता के प्रति कार्य करने के समपर्ण को दर्शाता है।अगले वर्ष उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने वाले है जहां योगी वर्सेस ऑल की लडाई होगी।ये तो विधानसभा चुनाव के परिणाम के बाद ही पता चलेगा कि योगी आदित्यनाथ को विपक्ष कितनी टक्कर देने मे सफल हो पायेगा।

लेख – पूजा कुशवाह
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Pooja Kushwah: Digital Journalist/ Social Activist/ News Media
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