दस साल से न्याय के लिये शासन-प्रशासन के चक्कर लगा रही गुलाब देवी, नही मिला अब तक न्याय

अन्याय की भी एक पराकाष्ठा होती है, ऐसा सुनने मे आता है लेकिन आज आपको एक ऐसी हकीकत से अवगत कराने जा रहे है जिसको सुनकर किसी का भी दिल पसीज जायेगा।

ये हकीकत है राजस्थान के दौसा जिले के भावता गाँव की जहाँ एक महिला पिछले 10 साल से सिर्फ अपने पति का मृत्यु प्रमाण-पत्र बनबाने के लिये शासन-प्रशासन के चक्कर काट रही है लेकिन उसका आज तक मृत्यु प्रमाण पत्र नही बना है।

ये है पूरा मामला –
गुलाब देवी के पति एक मजदूर थे जो अपनी मेहनत और मजदूरी से अपना परिवार चलाते थे मृतक के परिजनों के अनुसार मृतक जयराम 2010 में विशाखापटनम मे एक फैक्ट्री मे अपने ही गाँव के ठेकेदार कजोड मल मीना के साथ, गाँव के अन्य साथी भी उनके साथ गये। विशाखापटनम फैक्ट्री मे काम के दौरान जयराम की मृत्यु हो गई।

परिजनों का आरोप है कि उन्ही साथियों मे एक जयराम नाम का युवक था जिसके नाम की समानता का फायदा ठेकेदार कजोड मल मीना के उठा लिया और फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनाकर इंश्योरेंस का सारा पैसा हड़प लिया।

माँ को न्याय दिलाने बेटा भी साथ में

कितनी शर्मनाक बात है की जब जयराम की मृत्यु हुई थी जब उनका बेटा उनकी पत्नी गुलाब देवी की कोख मे पल रहा था और आज अपनी माँ को न्याय दिलाने के लिये बेटा भी उनके साथ खडा है वह 10 साल का हो चुका है।

मृतक के साले ने करवाया मुकदमा

फर्जी मृत्यु प्रमाण-पत्र बनाकर पैसा हड़पने वाले और सम्मिलित लोगो के खिलाफ 2019 मे मृतक के साले राकेश मीना विभिन्न धाराओं मे मुकदमा दर्ज करवाया था, मृतक के साले का आरोप है की पुलिस एक साल से इस मामले को अनदेखा कर रही है, वही मृतक के परिजन न्याय के लिये दर दर की ठोकरे खाते फिर रहे है।

इस मामले पर राजस्थान सरकार मे उद्योग मन्त्री परसादी लाल मीना ने भी कह दिया की अन्याय की पराकाष्ठा होती है 10 साल से मृत्यु का प्रमाण-पत्र ही नही बना, अन्याय की हद होती है।

सोशल मीडिया पर उठी न्याय की माँग

आप सब जानते है की सोशल मीडिया पर जब किसी की आवाज उठती तो सभी सामाजिक कार्यकर्ता एकठ्ठे होकर पीडित के लिये आवाज उठाते है अब ऐसा ही हुआ है।

पीड़िता गुलाब देवी को न्याय को न्याय दिलाने समाज के सामाजिक कार्यकर्ता पहुच रहे है और साथ ही ट्विटर पर गुलाब देवी को न्याय की माँग लगातार 2 दिन से ट्रेंड कर रही है।

Jitendra Meena: Independent Journalist | Freelancers .
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