अफगानिस्तान की पूर्व जज का खुलासा: महिलाओं को किया जा रहा प्रताड़ित और उतार रहे मौत के घाट

अफगानिस्तान में तालिबान के कब्ज़े के बाद तालिबान ने अपना असली रंग दिखाना शुरू कर दिया है हम यह इसलिए कह रहे हैं क्योंकी अफगानिस्तान के एक पूर्व जज नजला अयूबी ने एक मीडिया हाउस से बात करते हुए इस बात का खुलासा किया है।

उन्होने कहा है की तालिबान ने अफगान महिलाओ को प्रताड़ित करने का सिलसिला दुबारा शुरु कर दिया है और उनको मौत के घाट उतार रहा है। उन्होंने कहा कि तालिबान झूठे दावे कर रहा है कि वो महिलाओ को पढ़ने जाने देगा और उनका सम्मान करेगा। उन्होने कहा की उन्होने वहाँ कई महिलाओं से बात की, जहाँ महिलाये बताती हैं कि तालिबान महिलाओ के खिलाफ हिंसा और बुरा व्यवहार करता है।

उन्होने कहा कि तालिबान के आतंकियों ने एक महिला को तो जिन्दा ही जला दिया। ऐसा सिर्फ इसलिए क्योंकि तालिबानी आतंकियों को महिला के हाथों का बना हुआ खाना नहीं पसंद आया। तालिबान छोटी बच्चियों को सेक्स स्लेव बना कर बक्से में बंद करके दूसरे देशो में भेज रहा है।
उन्होने कहा की तालिबान एक बुरा सपना है इससे सभी को बचकर रहना चाहिये।

अफगानिस्तान मे भुखमरी जैसे हालात –

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने शनिवार को बताया कि “यहां अनगिनत लोग संघर्ष के चलते भूख और बीमारी की चपेट में हैं। जिसमें 1 करोड़ से ज्यादा बच्चे और महिलाएं शामिल हैं”।

विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार “देश की आधी आबादी को मानवीय सहायता की जरूरत है जिसमें 1 करोड़ बच्चे और महिलाएं भी शामिल हैं। अफगानिस्तान में मौजूदा विकट स्थिति से पहले ही बहुत गम्भीर स्तिथि बनी हुई थी अब और बिगड़ने की आशंका है।

संयुक्त राष्ट्र एजेंसी के प्रवक्ता तारिक जसारेविक ने बताया कि “अब तक यूके ने इस क्षेत्र में मानवीय सहायता की अपनी राशि को दोगुना करने का फैसला किया है और यह एक नए पुनर्वास कार्यक्रम के तहत लगभग 20,000 कमजोर अफगानों को फिर से बसाना चाहता है”।

यूनाइटेड किंगडम ने यह ऐलान किया है कि “वह तालिबान से भागकर देश में आने वाले अफगान शरणार्थियों को कोविड -19 के खिलाफ टीके लगाएगा।

Jitendra Meena: Independent Journalist | Freelancers .
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