दलित धर्मांतरण: ग़रीब और मजबूर दलितों को फँसाने के लिए ईसाई मिशनरी के पाखंड

एक बार मैं अपने दोस्त के साथ बिहार भागलपुर जिले के सनहौला प्रखंड के महेशपुुुर गांंव गया हुआ था, मुझे अचानक की याद आया कि इस गांव में तो मेरे दोस्त के बहन की शादी हुई है। मेरे मन में आया कि चला जाए उनसे मिलने के लिए जब मैं वहां गया तो हैरान रह गया उस औरत को देखकर कि उसके मांग में सिंदूर नहीं है जो कि आमतौर पर हिंदू परिवार में पति जीवित होने पर मांग में सिंदूर होता है। मैने अपने दोस्त से पूछा कि इसके मांग में सिंदूर क्यों नहीं है? दोस्त बोला इनका इसाई में कन्वर्जन हो चुका है।

मैं अवाक रह गया। फिर मैं उनके नाना जी के घर रुका और बातचीत के जरिए इस धर्मांतरण के पीछे का खेल समझने लगा की आखिर ऐसा क्यों हो रहा है। पूछने पर पता चला कि यह अकेला परिवार नहीं है इस गांव के करीब 7-8 परिवार के 30-32 व्यक्ति का ईसाई मिशनरी द्वारा धर्म परिवर्तन हुआ है। अलग-अलग समय पर गांव के अलग-अलग परिवार ऐसे हैं जो धर्म परिवर्तन कर चुके हैं। धर्मांतरण के पीछे यह तर्क दिया जाता है कि उनके बच्चे को शिक्षा, स्वास्थ सुविधा, और भूत पिचास का साया उन पर से हट जाएगा जबकि पादरी खुद टोना टोटका का इस्तेमाल करके उनके परिवार से पिचाश भगाने का दवा करता है।

धर्मांतरण कैसे होता है

सबसे पहले गांव के एक परिवार को चिन्हित किया जाता है और उसे मेडिकल शिक्षा और आर्थिक लालच देकर उनका धर्म परिवर्तन किया जाता है। और जब आर्थिक परिवर्तन होने लगता है तो गरीब दलित उनसे प्रभावित होने लगते हैं।

धर्मांतरण का दूसरा चरण

कुछ समय बाद ईसाई मिशनरी का धर्म परिवर्तन का अगला चरण स्टार्ट होता है। चर्च से कुछ नए लोग और गांव के ही धर्म बदल चुके व्यक्ति को गरीब दलित बस्ती में जाकर प्रचार करने के लिए कहते हैं की चर्च में एक बाबा आए हैं इनके आशीर्वाद से मिर्गी रोगी, लकवा रोगी ठीक हो जाता है बांझ को बच्चा हो जाता है। इस तरह का झूठा प्रचार करवाया जाता है। इनके जाल में फंस कर गरीब दलित लोग चर्च में पादरी के पास चले जाते हैं, जहां इनको लगातार चर्च में आने को बोला जाता है और इन को हिंदू धर्म के खिलाफ भड़का कर ब्रेनवाश कर दिया जाता है। और लालच दिया जाता है कि अगर पूजा पाठ छोड़कर ईसा मसीह को अपना ईश्वर मान लेंगे तो आप की गरीबी दूर हो जाएगी बच्चे को अच्छी शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधा मिलेगी एवम भूत पिचाश से छुटकारा मिल जाएगा। कुछ लोगों का धर्म परिवर्तन हो जाता है तो यह पादरी लोग इस स्थान को छोड़कर दूसरे स्थान पर चले जाते हैं।

धर्म परिवर्तन का विरोध

जब गांव के जागरूक लोगों द्वारा इस धर्म परिवर्तन का विरोध किया जाता है, तो इन सबके ऊपर धर्म परिवर्तन कर चुके लोगों द्वारा झूठी मारपीट गाली-गलौज धार्मिक सद्भावना बिगड़ने समेत चोरी और बलात्कार का भी एफ आई आर दर्ज करवा दिया जाता है। अब तक गांव के ही लड़के मेंघराज, देवराज के ऊपर 7-8 एफआईआर दर्ज हो चुके हैं। लगातार चार पांच साल से एक दूसरे के खिलाफ एफ आई आर दर्ज करने का संग्राम चल रहा हैै।

PAPPU KUMAR DAS: Author , Activist
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