पंचवक्त्र महादेव मंदिर, मंडी (हिमाचल प्रदेश)

जिस तरह काशी गंगा के किनारे बसा है, ठीक उसी तरह मंडी व्यास नदी के तट पर बसा है। काशी की तरह मंडी में भी कई ऐतिहासिक धार्मिक स्थल स्तिथ हैं। इन्हीं धार्मिक स्थलों में से एक है पंचवक्त्र महादेव मंदिर।

भगवान शिव को समर्पित यह अद्भुत स्थल सुकेती और ब्यास नदियों के संगम पर स्थित है। पंचवक्त्र महादेव मंदिर एक अत्यंत ही प्राचीन धार्मिक स्थल है। इसका निर्माण राजा अजबर सेन ने 16वीं सदी के पूर्वार्द्ध में करवाया था।

मंदिर एक विशाल मंच पर खड़ा है और बहुत अच्छी तरह से सुसज्जित है। यह भूतनाथ और त्रिलोकीनाथ मंदिरों जैसा बनाया गया शिखराकार भव्य मंदिर है। मंदिर की छत बनाने में उत्तम किस्म का पत्थर प्रयुक्त किया गया है। मंदिर विशिष्ट शिखर वास्तुकला शैली में बनाया गया है, जो आश्चर्यजनक है।

मंदिर के गर्भगृह में भगवान शिव की विशाल पंचमुखी प्रतिमा स्थापित है। भगवान शिव की एक बहुत बड़ी मूर्ति है जिसके पाँच मुख हैं जो भगवान शिव के विभिन्न रूपों अघोरा, ईशान, तत्पुरुष, वामदेव और रुद्र को दर्शाते हैं।

मंदिर का दरवाजा व्यास नदी की ओर है। दोनों ओर द्वारपाल हैं। मंदिर में कई स्थानों पर सांप की आकृतियां स्थित हैं। नंदी की मूर्ति भी भव्य है, जिसका मुख गर्भगृह की ओर है। पंचवक्त्र महादेव मंदिर संरक्षित स्मारकों में से एक है, जो भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अंतर्गत आता है और इसे राष्ट्रीय स्थल घोषित किया गया है।

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