“माल है क्या?” देश में माल की कमी से जूझता ड्रगवुड, प्रधानमंत्री क्यों है खामोश

नमस्कार मैं आपका राजा रबिश कुमार!

भारत युवाओं से भरपूर देश की नींव रखता है, जहाँ तेजी से बढ़ती युवा जनसंख्या आज काफी परेशान हैं। कारण है “माल की कमी होना” प्रधानमंत्री मोदी जी आप हर बार मन की बात करते हैं लेकिन इन युवाओं की दिल की बात भी आपको सुननी पड़ेगी।

माल की कमी क्या होती है आप मेरे से पूछिए। 2014 से पहले मुझे बराबर मेरा माल मिलता था लेकिन जब से आपकी सरकार आई है तब से धीमे धीमे माल की कमी से मुझे जूझना पड़ रहा है। साल 2017 तो मेरे लिए इतना खराब रहा कि नशा पाने के लिए मात्र फोन से ही काम चलाना पड़ता है। ऐसा क्या हो गया कि देश में माल की इतनी कमी हो गई। माफ कीजिएगा दोस्तों भावनाओं में बह गया था।

दरअसल दर्द होता है, दिल से बुरा लगता है प्लीज प्रधानमंत्री जी प्लीज समझिए। लेकिन मैं जानता हूँ प्रधानमंत्री नहीं सुनेंगे घर पर गैस लगवादेंगे लेकिन जिसकी जरूरत है ‘माल’ वह नहीं दिलाएंगे। तभी देश का युवा आज माल ढूढने में व्यस्त है कि हमें प्रधानमंत्री से माल नहीं मिलेगा तो क्वान से लेंगे लेकिन लेंगे जरूर।

R&DTV अपनी पत्रकारिता के लिए जाना जाता है आज हम अपने युवा दर्शकों के लिए माल एक्सपर्ट लेकर आए हैं। दीपिका जी आपका हमारे चैनल पर स्वागत है। इससे पहले मैं उनसे कुछ प्रशन पूछता उन्होंने मुझसे पूछ डाला। “हे! रबिश, माल है क्या?” उनके चेहरे से नशा झलक रहा था।

उनके नशीली आंखों ने कुछ देर के लिए हमें भी मंत्रमुग्ध कर दिया, लेकिन मैं अपना सख्त लौंडा का अवतार न छोड़ने पर मजबूर हो गया जैसे ‘करण अर्जुन’ फ़िल्म में करण अर्जुन की माँ कहती है ‘मेरे करण अर्जुन आएंगे, धरती का सीना चीड़ के आएंगे। ठीक वैसे ही मेरे दिमाग मे ‘मेरा माल आएगा, सभी को छोड़ मेरे पास आएगा।

मेरे मुंह से कुछ लफ्ज़ न निकलने पर दीपिका जी परेशान हो गई और रबिश रबिश चिल्लाने लगी। उनके आवाज में ‘माल’ न होने का गम था। उनकी आवाज निकलकर भी मेरे पास तक नहीं पहुंच पा रही थी।

उनको इस गम का एहसास न दिलाते हुए मैंने प्रशन पूछने की शुरुआत कर दी।

मैं:- दीपिका जी, क्या आप बता सकते हैं यह माल क्या होता है?
दीपिका:- रबिश जी , माल….. , आप के पास ‘माल है क्या?’
दीपिका जी के आंखों से आंसू की बूंद साफ दिख रही थी,गला सूखा जा रहा था, जैसे आज दुनिया भर में पानी सूख रहा है लेकिन मैं काफी परेशान था इनकी सुई तो आगे ही नहीं बढ़ रही थी। दरअसल परेशानी दीपिका जी की नहीं थी खुद की थी अगर वे बार बार यही पूछती रही ‘माल है क्या?’ तो मेरी आँखों से आंसुओं की धारा निकलने लग जाएंगी और मर्द कभी रोता नहीं।

दीपिका जी को पानी देते हुए मैंने उन्हें सांत्वना दी, और प्रशन फिर पूछा यह ‘माल क्या होता है?’

दीपिका:- माल एक तरह का नशा होता है बिल्कुल खतरनाक, शराब के नशे से भी ज्यादा खतरनाक आप चेक करके देखें।

दीपिका जी का यह कहना उनकी छवि में मुझे साक्षात एक उच्च स्तरीय ड्रग डीलर का रूप नजर आ रहा था, मेरा भी मन माल लेने का कर ही गया। सफेद पाउडर को देखे मेरे नैन तरस रहे थे। बड़ी उम्मीद से दीपिका जी को टेबल के नीचे से इशारा करते हुए माल मांगा।

दीपिका:- मैं आपको जया जी का नंबर देती हूँ।

मैं:- हमें बेवकूफ समझें हैं का, दीपिका जी? थाली में माल लेंगे तो NCB वाले हमें भी दबोच लेंगे। हम प्रख्यात हैं ऐसे ही थोड़े न ले लेंगे। कह के लेंगे।

दीपिका थोड़ी मुस्कुराई और कहा कि आप मेरा नंबर ले लीजिए मैं आपको पर्सनली माल सप्लाई करूंगी। इतने में मेरा ध्यान उस इंसान पर गया जो यह वाक्य को अपने कैमरे में रिकॉर्ड कर रहा था।

उसको माल की थोड़ी किश्त देकर वीडियो को डिलीट कराना पड़ा। दोस्तों यह खबर मैं सिर्फ आपको ही बता रहा हूँ ‘इशारों को तो समझो राज को राज रहने दो’

धन्यवाद।

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