जातिवादी नेताओं कि हिंदुओं को तोड़ने वाली राजनीति

जब से उत्तर प्रदेश के बिखरू कांड के अपराधी विकास दुबे का एनकाउंटर किया गया है तब से तमाम राजनीतिक जातिवादी पार्टियां अपना एजेंडा लेकर सामने आ गई है! कोई कह रहा है उत्तर प्रदेश में ब्राह्मणों को टारगेट किया जा रहा है, कोई कह रहा है हम भगवान परशुराम जी का मंदिर या मूर्ति बनवाएंगे. यह सेकुलर जातिवादी राजनीतिक पार्टियां देश एवं प्रदेश के कई हिस्सों में वर्षों से राज करती चली आ रही है कई प्रदेशों में इनकी सरकारी रही है. क्या तब से लेकर आज तक किसी भी प्रदेश या देश के किसी भी स्थान में इन सेकुलर नेताओं के द्वारा भगवान परशुराम जी का मंदिर बनवाया गया?

सवाल यह उठता है जब यह इतने सालों तक सत्ता में रहे हैं तो कभी इन्हें भगवान परशुराम की याद क्यों नहीं आई इसका सीधा-सीधा कारण यही है सदियों से सोया हुआ हिंदू समाज आज जागरूक हो गया है. देश में जब से एक राष्ट्रवादी सरकार बनी है और अन्य प्रदेशों में भी उसका प्रभाव दिखाई देने लगा है. और जनता ने इन सर्कुलर वामपंथी और समाजवादी पार्टियों को खदेड़ दिया है. तब से इन्हें अपने अस्तित्व का खतरा नजर आने लगा है यह सोच रहे हैं कि हम विलुप्त होने की कगार पर है सरकार में आने के लिए इनके पास ऐसा कोई ठोस एजेंडा नहीं है. अभी तो जनता जानती है कि अगर यह सत्ता में आएंगे तो सिवाय भ्रष्टाचार और गुंडागर्दी के अलावा कुछ नहीं करेंगे यह सब जानते हुए इन पार्टियों ने हिंदुओं की एकता को तोड़ने के प्रयास में कभी ब्राह्मण समाज को तोड़ने का प्रयास करते रहते हैं. कभी दलित समाज को तोड़ने का प्रयास करते रहते हैं एवं जितनी भी प्रभावशाली जातियां हैं जिनका वर्चस्व अपने भारत में है उन सभी जातियों को इन्होंने तोड़ने का प्रयास किया है. वर्तमान में उत्तर प्रदेश की राजनीति भी इसके इर्द-गिर्द घूमती चली आ रही है, ऐसी जातिवादी पार्टियों के नेताओं से मेरा सवाल है क्या वे उत्तर प्रदेश की पुलिस पर यह दबाव बना रहे हैं कि अगर अपराधी अगर ब्राह्मण है तो उसको पकड़ा ना जाए. अपराधी को पकड़ने से पहले उसकी जाति पूछी जाए और अगर वह गलती से ब्राह्मण निकलता है तो उसके ऊपर कोई कार्यवाही ना की जाए क्योंकि अगर कार्रवाई की जाएगी तो यह विरोधी पार्टियां उसको ब्राह्मणों के ऊपर शोषण बताकर राजनीति करेंगी.

जनता समझदार है सब जानती हैं. इसलिए इन जातिवादी नेताओं के चक्कर से जनता अब मुक्ति चाहती है. अपराधी केवल अपराधी होता है. वह अपराध करते समय किसी की जाति नहीं देखता. इसलिए इनका यह दबाव सरकार के ऊपर कोई काम नहीं आने वाला है. अपराधी अगर पकड़ा जाएगा तो उसकी सजा एक ही होगी जो कानून के तहत दी जाएगी!

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