सुशांत सिंह राजपूत के जाने से दुखी है हिंदी हर्टलैंड

सुशांत सिंह राजपूत जैसे उभरते अभिनेता का अचानक यूं चला जाना हिंदी हर्टलैंड को अखर गया है। वो हिंदी हर्टलैंड जिसके दम पर बॉलीवुड चल रहा है उस मिट्टी से निकला एक अभिनेता नेपोटिज्म की भेंट चढ गया। जब हम समान अवसर की बात करते हैं तो एक ऐसा अभिनेता दुनिया छोड़ कर चला गया जो समान अवसर की तलाश में था। सुशांत सिंह उन अभिनेताओं में से थे जो प्रतिभाशाली होने के साथ साथ गुड लुकिंग भी थे जिसकी वजह से उनमें भविष्य में बड़ा स्टार बनने की अपार संभावनाएं थे। कम पढ़े लिखे बॉलीवुड स्टार्स की जमात में एकमात्र अभिनेता थे जो क्वांटम फिजिक्स, स्पेस सांइस में रुचि रखते थे। क्या सुशांत सिंह नेपोटिज्म के शिकार हो गए, क्या सचमुच में बात इतनी सीधी है। बात इतनी सीधी भी नहीं है अगर गहराई से पड़ताल करें तो … कुछ जर्नालिस्ट और यूट्यूबर देश की जनता है ही सवाल कर रहे हैं कि आप खुद बड़े ब्रांड की फिल्में देखने जाते हो.. छोटे स्टार की नहीं। इस सबको लेकर बड़े स्तर पर विमर्श की जरूरत है।

इसको ऐसे समझिये करन जौहर का अपना पैसा है वो चाहे किसी को लॉन्च करे, लेकिन समस्या तब पैदा होती है जब आप एक स्टार किड को लॉन्च करने के लिए पूरी प्लानिंग करते हैं, मीडिया बाइंग करते हैं, जब स्टार किड को लॉन्च किया जाता है अच्छे डायरेक्टर, बेस्ट एडिटर, बॉलीवुड का बेस्ट टेलेंट उनको लॉन्च फिल्म में ही मिल जाता है। और करन जौहर जैसे प्रोड्यूसर अपने मीडिया सम्बंधों का इस्तेमाल करके स्टार किड को पहले ही सुपर स्टार घोषित करा देते हैं। उदाहरण स्टूडेंट ऑफ द ईयर….

इस समस्या के कई पहलु है। सबको गौर से देखेंगे तो आपको समझ में आयेगा कि बॉलिवुड पर आधिपत्य जमा चुके कथित फिल्मी माफिया कैसे आम पृष्ठभूमि से गए युवा के लिए कांटे बोते हैं। विचार करिए सुशांत सिंह राजपूत, आयुष्मान खुराना जैसे स्टार नेपोटिज्म को धता बता कर अगर इन स्टार किड्स से आगे निकलने में सफल होते हुए दिखते हैं तब एक और खेल शुरू होता है। प्रेशर क्रिएट करके इनसे मूवीज छीनने का। सार्वजनिक मंच पर बड़े स्टार द्वारा बेज्जत करने का। पार्टीज में न बुलाकर आइसोलेट करने का। अपने व्यक्तिगत प्रभाव का इस्तेमाल करके उसकी छवि धूमिल करने का। किसी शो में यह अहसास करवाया जाता है कि लोग उसे नहीं जानते हैं। ये सब आपने हाल फिलहाल में सोशल मीडिया पर सब देखा होगा। यही कथित बॉलीवुड माफिया स्टार किड के लिए सौ प्रतिशत फेवरेबल सिचुएशन क्रिएट करते हैं तो आम पृष्ठभूमि से गए किसी कलाकार के लिए कांटे बोते हैं। ये वो फर्क है जो बॉलीवुड के माफिया स्टार किड और आम पृष्ठभूमि से गए कलाकार में करते हैं। अगर आप इसे महसूस करें तो ये एक असहनीय पीड़ा जैसा है।जिससे सामान्य पृष्ठभूमि से बॉलीवुड गए कलाकार गुजरते हैं। मुम्बई में पेड पत्रकारों की भी एक जमात बैठी है जो सामान्य पृष्ठभूमि से गए कलाकारों से दुराव रखती हैं। ये पत्रकार गंदे गंदे ट्वीट करते हैं। किसी पहली फिल्म में ही उसका करियर खत्म करने की घोषणा कर देते हैं। इन पत्रकारों के आर्टिकल और लेखन से साफ पता चलता है कि ये अपना जमीर बेच चुकें हैं। इन्होंने अपनी पत्रकारिता किसी के यहां गिरवी रख दी हैं।

हिंदी हर्टलैंड और बॉलीवुड

अगर आप सुशांत सिंह राजपूत के इस दुनिया से जाने को एक स्टार का जाना समझते हैं तो ये एक सामान्य से घटना लगती है। लेकिन अगर आप इसे हिंदी हर्टलैंड के स्टार का जाना समझते हैं तो ये एक बड़ी घटना है। बॉलीवुड को इस स्तर कर पंहुचाने में हिंदी हर्टलैंड का बहुत बड़ा योगदान हैं। इस क्षेत्र ने बॉलीवुड को कई अच्छे कलाकार दिए हैं लेकिन हीरो कुछ ही बन पाए हैं बाकी कुछ तो अधेड़ उम्र में सफलता को प्राप्त हुए हैं। सुशांत सिंह राजपूत में वो सबकुछ था जो एक हीरो में होना चाहिए, गुड लुकिंग, अच्छा डांसर, कमाल की एक्टिंग, एक्टिंग के लिए समर्पण। वो सब जो एक बड़ा हीरो बनने के लिए चाहिए। जो भविष्य में स्टार किड के लिए चुनौती साबित हो सकता था। इसलिए प्रपंच रचकर हटा दिया गया। कंगना रनौत के बयान बॉलीवुड की कलई खोलने के लिए काफी है। कि कैसे उन्हें बीमार बनाने के कोशिश की जा रही है। सुशांत सिंह राजपूत का मौत का मामला सिर्फ डिप्रेशन का नहीं है। हिंदी हर्टलैंड से बॉलीवुड में बड़ी जगह पंहुचे अमिताभ बच्चन, शत्रुघ्न सिंहा, मनोज बाजपेई जैसे स्टार्स भी यह जानते ही होंगे कि ये सिर्फ डिप्रेशन से मौत का मामला नहीं है। इनकी चुप्पी भी परेशान करने वाली है। जब हिंदी हर्टलैंड से निकले इन स्टार्स को खुलकर बॉलीवुड में मची गंदगी पर बोलना चाहिए था तब इनकी चुप्पी इनकी बेबसी का आलम बता रहे हैं। सुशांत सिंह राजपूत के पर करीब 70 करोड़ रुपए की सम्पति थी। जिससे उसे पैसे कोई तंगी नहीं थी। जब किसी स्टार से ‘किसी खान ब्रदर’ के कहने पर ‘किसी करन’ के कहने पर सात सात फिल्में छीन ली जाए तो ये मामला सिर्फ डिप्रेशन का नहीं रह जाता है। ये प्लांड मर्डर का हिस्सा बन जाता है।

सलमान खान और बॉलीवुड

क्या बात है कि इस मामले में और कई लोगों का करियर खराब करने के मामले में सलमान खान का नाम भी सामने आ रहा है। दबंग के डायरेक्टर अभिनव कश्यप ने सलमान खान पर खुल के आरोप लगाए है। क्यों और किसी खान का नाम सामने नहीं आ रहा है। ‘धुआं वहीं होता है जहां आग होती है’ सलमान खान की पूरी फैमिली का नाम सामने आ रहा है। जब से अभिनव कश्यप ने सलमान खान की पोल खोली है तब से अभिनव कश्यप को सलमान के भाई सोहेल और अरबाज की तरफ से लगातार केस करने की धमकी दी जा रही है।  सोशल मीडिया पर लोग आरोप लगा रहे हैं कि सलमान खान और उनके भाई अपनी ताकत का नाजायज इस्तेमाल लोगों के करियर खत्म करने के लिए करते हैं

अंत में एक बात कहना चाहूंगा, ये जो गुस्सा है सुशांत को खोने का,  ये बेकार नहीं जाना चाहिए, ये गुस्सा उन कलाकारों के लिए सम्बल का काम करेगा जो बॉलीवुड में समान अवसर की तलाश में घुम रहे हैं। ये हिंदी हर्टलैंड के युवाओं को ये गुस्सा बनाए रखना चाहिए ताकि बॉलीवुड की माफियागिरी को खत्म किया जा सके। और हां, हिंदी हर्टलैंड के उन कलाकारों से किसी अच्छे की उम्मीद मत रखिए जो अपना करियर बना चुके हैं अब उनको अपने अनकॉन्पटीटिव बच्चों के करियर भी चिंता करनी हैं। कई जौहर आएंगे कई खान जाएंगे ये याद रखिए आप हिंदी हर्टलैंड हैं जिसके दम पर ये देश हिंदुस्तान कहा जाता है। अब खानों को अपनी ताकत का अहसास कराइये और बॉलीवुड की कीचड़ साफ करने के लिए मजबूर कर दिजिए।

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