आजादी मिली सिर्फ भारत के लेफ्ट में

बड़ी अचरज हो रहा होगा ये 15 अगस्त 1947 की बातें सुनकर और मन में सवाल भी आ रहा होगा की ये अंग्रेजी शब्द लेफ्ट कहां से ले आए और उसमें भी आप ये पढ़ कर और भी गुस्सा हो गए होंगे की आपने ये कैसे लिख दिया की सिर्फ भारत के लेफ्ट को क्यू आजादी मिली, आजादी तो पूरे देश को मिली थी। गुस्सा अभी और आयेगा जब आप मेरे लिखे शब्द के अर्थ समझ जाएंगे।

कहां से शुरू करूं आपके इतिहास से या अभी के वर्तमान से। इतना तो आप ज्ञाता जरूर हो गए होंगे इस वॉट्सएप और फेक न्यूज के समय में। कुछ सवाल जवाब आपके सामने रखता हूं पढ़ते ही आप जो अभी गुस्सा से लाल है ठंडे पड़ जाएंगे।

  • आपने कभी रोड पर जय श्री राम के नारे लगाए है, क्या सोच रहे है मैं आपको जबरदस्ती लगाने को नहीं बोल रहा हूं नहीं तो आप एक और बार यू एन चले जाएंगे की मुझसे जबरदस्ती लगाने को बोला नारा,यही तो फेक न्यूज की आजादी हमें नहीं मिली जनाब। चलिए नारे पर आते है आपने सोच लिया ना की मै संघी हूं आप मुझे और क्या बोल रहे है खाकी चड्डी वाले अच्छा और क्या देश में हिंसा फ़ैलाने वाले। कुछ और नहीं बचा होगा तो जवाब सुन लीजिए। यही आजादी तो हमें नहीं मिली ,ये तो सिर्फ आपके लेफ्ट में बैठे हुए लोगों को मिली की वो रोड पर, ट्रेन में, स्टेशन पर, ऑफिस में, अस्पताल में सब जगह अपने नारे लगाएंगे और हम? चुप मुंह बंद कर के नहीं तो अब आप यू एन के जगह पर कहीं और हमारी शिकायत कर देंगे ।
  • भारत के प्रधानमंत्री को गाली देते हुए बच्चों का आपने वीडियो देखा होगा जिसमें उन्हें मारने कि बात कही जा रही है, देश की राजधानी में एक जगह विशेष पर कब्जा जमा कर देश के प्रधान मंत्री और गृह मंत्री की हत्या से लेके सब तरह के गाली गलौज देने की भी वीडियो आपने देखी होगी। अरे आपका जवाब आ गया “आजादी है आपको बोलने कि”। लेकिन हम जो आपके राइट में रहते है वो तो मज़ाक भी कर देते है, कोई सच्ची न्यूज भी छाप देते है, कोई पोस्ट भी कर देते है तो आप तो हम पर केस कर देते हो, जेल भेज देते हो। फिर हम तो बोलेंगे ना की हमें भी चाहिए आजादी जो सिर्फ लेफ्ट को मिली है।
  • आपके पास गूगल होगा थोड़ा देख लीजिए कि देश में अपना धर्म छुपा कर धोखे से शादी और फिर हत्या के केस कितने चल रहे है, साथ में लगे हाथ देश में भीड़ के द्वारा चोरों को पिटाई और हत्या के कितने केस है ये भी देख लीजिएगा। फिर आपको झारखंड के केस में धर्म दिख गया और उसी झारखंड के केस में धर्म परिवर्तन का केस नहीं दिखा एक देश की एथलीट का। इसीलिए शीर्षक दिया था आजादी सिर्फ आपको मिली।
  • देश में जो लेफ्ट सोशल साइट चल रहा है उसमें आप हमारे धर्म के हमारे आराध्य देवी देवताओं के बारे में लाखों अश्लील फोटो, पोस्ट सब लिखते है। मगर एक कमलेश तिवारी के बोलने पर उसकी हत्या कर देते है। इसीलिए तो बोला आपको आजादी मारने कि भी और पोस्ट लिखने कि भी।
  • अब थोड़ा देश के लेफ्ट न्यूज वालों कि आजादी की बात, आप हमें कभी कंडोम के विज्ञापन के साथ तो कभी हॉफ चढ्ढी तो कभी फेक न्यूज के साथ संबोधित करते है मगर हम सच्चाई कभी लिख बोल दे तो कभी फतवा, कभी ट्रोल, कभी दिन रात थाने में बुलाकर पूछताछ और रोजाना केस कर देते हो तो बताओ फिर हमें किस बात की आजादी।
  • आप अपने जान पहचान वालों से हमारे हर चीज का बहिष्कार करने को बोलते हो, चाहे वो हमारी दुकान हो या आप अपने आकाओं से हमारे विज्ञापन बंद करने कि बात हो और कभी हम सच्चाई और सबूत के साथ किसी चीज को आपके सामने ला के दिखाए तो आप कभी भालू बन के कभी चेकर बन के हमें ही झूठा दिखाने लगते हो और फिर आपके लेफ्ट न्यूज चैनल पर बैठ कर फिर यू एन, गलती हो गई, पर दादाओं के पास जाके हमसे बदला लेने कि बात करने लगते हो। फिर बोलते हो की आजादी, समझ ही गए होंगे।
  • हमें तो आप के इतिहासकारों ने इस बात की भी आजादी नहीं दी की हम महाराणा प्रताप, वीर शिवाजी के बारे में किताबों में पढ़ सके उसमें भी तो आपने भारत पर अत्याचार और चढ़ाई करने वालों की जिंदगी के बारे में लिख दी कि वो ही इस महान देश के कर्ता धर्ता थे।

ऐसे बहुत सारी आजादी है जो इस देश में सिर्फ लेफ्ट को मिली है और हमारे आजादी के समय आप कभी अवॉर्ड वापस (सिर्फ सर्टिफिकेट और मेडल) करने लगते है कभी कोई फोबिया का रोना रोने लगते है कभी यू एन को चिट्ठी लिखने लगते है तो कभी रोड जाम कर देते है कभी अपने भालू से प्रोपगेंडा चलवाने लगते है, कभी हमारे देश की शिकायत अपने आकाओं से करने लगते है।

साहब आजादी हमें भी चाहिए देश से नहीं देश में । हमें ये अच्छे से पता है कि आपको इस देश से आजादी चाहिए और और हमें इस देश में खुलकर अपने धर्म की पूजा करने , अपने कलम से सच्चाई लिखने की ।

ठेठ बिहारी: पूरी दुनिया हमें बिहारी कहती है और उन्हें लगता है कि हमें अंग्रेजी नहीं आती और हम सिर्फ गमछा रखते है, लिट्टी खाते है,लॉलीपॉप वाला गाना सुनते है ,पूरी दुनिया में मजदूरी करते है और सिर्फ आईएएस बनते है। मगर सबसे ज्यादा न्यूज एंकर, जातिवादी नेता, अमीर और गरीब लोग,बात बात पर पिनक जाने वाले,सभी सरकार द्वारा मूर्ख बन ने वाले , बाढ़, सुखाड़, चमकी बुखार,जंगलराज,बेरोजगार । बहुत कुछ है दिल में समय लग जाएगा
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