क्या भारत में स्तिथियाँ फिर से सामान्य हो पाएंगी?

दुनिया भर में लोग कोरोना वायरस की वजह से अपने घरो में बंद हैं, और लाखो लोगों की जान जा चुकी है। ऐसे में लोग देश दुनिया के सामान्य होने का इंतज़ार कर रहे हैं पर क्या ये स्तिथि कभी सामान्य हो पायेगी? रोज़ Covid-19 के मामले बढ़ते जा रहे हैं, तो क्या कभी हम फिरसे खुले में घूम पाएंगे या बाज़ारो में जा पाएंगे?

डेविड फरौली, जो के एक जाने माने वेदाचार्य हैं जिन्हे भारत सरकार द्वारा पद्मभूषण भी दिया जा चूका है उन्होने 8 मई को ट्वीट कर कहा “एक टीका, संक्रामक रोगों का मुकाबला करने के लिए महत्वपूर्ण है, पर सकारात्मक स्वास्थ्य बनाने के लिए पर्याप्त नहीं है। उसके लिए हमें सही आहार, जीवन शैली, व्यवहार, सकारात्मक दृष्टिकोण और प्रकृति के प्राण में योग और आयुर्वेद के माध्यम से एक मजबूत प्रतिरक्षा प्रणाली बनाने की आवश्यकता है।”

ऐसा लगता है परिस्तिथियां कभी सामान्य नहीं हो पाएंगी क्यूंकि जो आधुनिक इंसानो के लिए सामान्य है, वो प्रकृति के लिए आफत। अधिक वाहनों की वजह से प्रदुषण, फ़ैक्टरियों के चलने से यमुना और गंगा का जल दूषित होना, Lockdown की वजह से इनमे भारी गिरावट आयी है, जिससे प्रकृति पर अच्छा प्रभाव पड़ा है।

हम सभी को नयी जीवन शैली का निर्माण करना होगा जो हमे स्वस्थ रखे। प्रतिदिन योग करना, कम दुरी तक जाने के लिए साइकिल या पब्लिक ट्रांसपोर्ट का प्रयोग करना, किसी प्रकार के नशे से दुरी बनाना, सुबह जल्दी उठना और रात में जल्दी सोना जैसे कई ऐसे काम हैं जो हमारे स्वास्थ को अच्छा बनाते हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मंत्री मोदी ने 12 मई को पुरे देश को स्वस्थ रहने और आत्मनिर्भर बनने का नारा दिया है। उन्होंने कहा की जैसे गुजरात के कच्छ जिले ने 2001 के भयंकर भूकंप के बाद खुद को फिरसे अपने पैरो पर खड़ा किया वैसे ही कोरोना महामारी के बाद भारत भी खुद को आत्मनिर्भर बना सकता है।

Ujjwal: Nothing
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