हम उल्का पिंड से कैसे बचें- एक कांग्रेसी की कलम से (व्यंग)

कई लोग समाज में, आपके हमारे बीच ऐसे होते हैं जो चुप चाप समाज के लिए, मानवता के लिए काम करते रहते हैं और किसी को भनक तक नहीं लगने देते की आप के बीच से ही वो कितना महान काम कर रहे हैं। ऐसी ही एक खबर सोशल मीडिया से मिल रही है (भक्त इसे फोटोशॉप या फेक न्यूज कहेंगे) जो इस प्रकार हैं-

आप सब ने सोशल मीडिया के माध्यम से जरूर सुना होगा कि 29 अप्रैल को एक उल्का पिंड धरती से टकराने वाला है और इस टक्कर से धरती खत्म हो जाएगी। जिसे रोकने के लिए विभिन्न देशों की अन्तरिक्ष एजेंसियां महीने भर से लगी थी लेकिन उनको सफलता नहीं मील रही थी और अंत में जाकर उन्होंने भी हार मान ली और धरती को भगवान भरोसे छोड़ दिया।

29 की रात वास्तव में एक कयामत की रात थी क्योंकि यदि वो उल्का पिंड टकराता तो सैकड़ों परमाणु विस्फोट जैसा क्षति करता, इस डर से पूरी दुनिया कांप रही थी तभी अचानक एक खबर आई कि उल्का पिंड धरती के बहुत निकट से गुजर गया। वैज्ञानिकों ने राहत की सांस ली लेकिन कुछ समय बाद उनके दिमाग में आया कि ऐसा कैसे हों गया? कैसे उल्का पिंड ने अपना रास्ता बदल दिया? उनकी इसी सोच ने कारण जानने के लिए उन्हें प्रेरित किया और वो 29 की रात की सैटेलाइट द्वारा अन्तरिक्ष की ली गई सारी तस्वीरें खंगालने लगे जिससे उन्हें कुछ मिल जाए जिससे वे इस गुत्थी को सुलझा सके, लेकिन उन्हें कोई सबूत नहीं मिला।

तभी इसी बीच चंद्रमा का चक्कर लगा रहा भारतीय उपग्रह ने एक तस्वीर भेजी जिसे देख कर पूरी इसरों टीम चकित रह गई, तत्काल पीएमओ को फोन करके उस तस्वीर के बारे में बताया गया, प्रधानमंत्री मोदी ने उस तस्वीर को देखा और इसरो को निर्देश दिया कि इस तस्वीर को बाहर न लाने दिया जाए, इसरो ने पूरी कोशिश भी की लेकिन इसरो के अंदर बैठे कुछ देशभक्त कांग्रेसी विचारधारा को मानने वाले लोगों ने वो तस्वीर बाहर लाई, तब जाकर दुनिया को समझ आया की उस उल्का पिंड ने अपना रास्ता कैसे बदला, वो तस्वीर संयुक्त राष्ट्र संघ में रखी गई और तस्वीर देखने के बाद संयुक्त राष्ट्र ने तत्काल एक प्रस्ताव पारित करके यह सुनिश्चित किया कि इस वर्ष से शांति का नोबल मृत्यु व्यक्ति को भी दिया जाएगा ।

आप भी उस तस्वीर को देखिए और धन्यवाद कीजिए जिसने पूरी दुनिया को बिना ढिंढोरा बजाए एक बड़ी मुसीबत से बचाया और चुप चाप शांति से चला भी गया – एक कांग्रेसी की कलम से

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