हमारा बाबर का क्या सम्बन्ध है?


बाबर एक विदेशी, विधर्मी हमलावर था। बाबर मध्य एशिया का था। उसने पहले अफगानिस्तान जीता, बाद में भारत में आया। बाबर की कब्र अफगानिस्तान में है।

भारत का एक प्रतिनिधि मण्डल 1969 में अफगानिस्तान गया था। उसमें सुप्रसिद्ध विचारक, अफगानिस्तान-नीति के विशेषज्ञ डॉ. वेदप्रताप वैदिक भी थे। वे बाबर की कब्र देखने गए। वह कब्र जीर्ण-शीर्ण अवस्था में थी। उन्होंने एक अफगानी नेता से पूछा, बाबर के कब्र की ऐसी दुरावस्था क्यों? अफगान नेता का उत्तर था- बाबर का हमारा क्या सम्बन्ध? बाबर एक विदेशी हमलावर था, उसने हमारे ऊपर आक्रमण किया, हमें गुलाम बनाया। वह मुसलमान था इसीलिए यह कब्र हमने गिरायी नहीं। परन्तु जिस दिन गिरेगी, उस समय हरेक अफगानी को आनन्द होगा। बाबर हमारा शत्रु था, यह बोलने वाले श्री बबरक करमाल 1981 में अफगान प्रधानमंत्री बने। उनकी भावना भारत के मुसलमानों ने ध्यान में लेनी चाहिए।

इण्डोनेशिया की 90 प्रतिशत आबादी मुस्लिम है। वह घोषित मुस्लिम देश है। परन्तु उनका सर्वश्रेष्ठ आदर्श आज भी ‘राम’ है। वहां के प्राथमिक विद्यालय में रामायण का अध्ययन अनिवार्य है। भारत में क्यों नहीं? इण्डोनेशिया 700 वर्ष पहले हिन्दू-बौद्ध था। उन्होंने अपनी परंपराएं नहीं छोड़ी है।

ईरान मुस्लिम देश है परन्तु वे रूस्तम, सोहराब को राष्ट्रीय पुरुष मानते हैं। रूस्तक, सोहराब तीन हजार साल पहले हुए और वे पारसी थे; मुस्लिम नहीं।

मिस्र देश में पिरामिड राष्ट्रीय प्रतीक है। पिरामिड साढ़े तीन हजार वर्ष पूर्व के हैं और उस समय इस्लाम था ही नहीं। भगवान् राम हजारों वर्ष पूर्व हुए; उस समय इस्लाम था ही नहीं।

भारत के मुसलमान भी 200-400-800 साल पहले हिन्दू ही थे। तो भारत के मुस्लिम राम को अपना पूर्वज, भारत का राष्ट्रीय महापुरूष क्यों नहीं मानते? ईरान और मिस्र के मुस्लिमों का आदर्श यहां के मुसलमान रखेंगे तो सारी समस्या का हल हो जायेगा। भारत का उत्थान हो जायेगा। राष्ट्रीय एकता आयेगी।

Ashish Anand: By Profession... 𝑼𝒓𝒃𝒂𝒏 𝑭𝒊𝒏𝒂𝒏𝒄𝒆, 𝑺𝒐𝒄𝒊𝒐-𝑬𝒄𝒐𝒏𝒐𝒎𝒊𝒄 𝑺𝒑𝒆𝒄𝒊𝒂𝒍𝒊𝒔𝒕 By Passion... 𝑻𝒓𝒂𝒗𝒆𝒍𝒆𝒓, 𝑬𝒏𝒋𝒐𝒚𝒊𝒏𝒈 𝑳𝒐𝒏𝒈 𝑫𝒓𝒊𝒗e
Disqus Comments Loading...