कोरोना आतंक: दुनिया मोदी की और मोदी नवीन की कर रहे हैं तारीफ

भुवनेश्वर: कोरोनोवायरस के प्रकोप से पूरी दुनिया दहशत की स्थिति में है। पीड़ितों और मौतों की संख्या में वृद्धि जारी है। अभी तक कोरोनोवायरस के इलाज के लिए कोई टीका या वैक्सीन विकसित नहीं की गई है। विनाशकारी करौना के प्रकोप के कारण स्थिति बिगड़ रहा है। इसी स्थिति में वाम दलों सहित कुछ कांग्रेशी नेता, केंद्र सरकार द्वारा करौना से निपटने के कदम की अनावश्यक रूप से आलोचना कर रहे हैं। हालाँकि स्थिति चिंताजनक है, फिर भी भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश है। संयुक्त राज्य अमेरिका सहित दुनिया भर के कई देशों ने भारत सरकार के कदम की सरहाना कर रहे है। जिसमें विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) भी शामिल है। भारत में अपार शक्ति है। यह बहुत महत्वपूर्ण है कि भारत जैसा देश दुनिया को दिखा सकता है कि आगे क्या किया जा सकता है। भारत, दुनिया का दूसरा सबसे अधिक आबादी वाला देश, कोरोनोवायरस से लड़ने की अतुलनीय क्षमता रखता है। यह विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के कार्यकारी निदेशक माइकल रयान ने कोविद -16 महामारी पर जिनेवा में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा था।

 इसी तरह ओड़िशा देश के किसी भी अन्य राज्य की तुलना में बेहतर स्थिति में है। विदेशी मीडिया के समेत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ओड़िशा सरकार के कदम की सरहाना कर रहे है। अन्य राज्य सरकारों को भी ओड़िशा सरकार से सीखने की सलाह दे रहा है मोदी। ओड़िशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने भी मोदी की सराहना की। कुछ सुझाव भी दे रहे हैं। मोदी भी उसे स्वीकार कर रहे हैं। जिस दिन प्रधानमंत्री ने जनता कर्फ्यू का आह्वान किया, अगले हि दिन ओड़िशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने एक दिन का लक् डाउन् की घोषणा की। उसके बाद मोदी ने 21 दिनों का लक् डाउन् की घोषणा की। नवीन पटनायक अब ओड़िशा में लॉकडाउन का अवधि बढ़ाने वाला देश का पहला राज्य है। नवीन पटनायक ने 30 अप्रैल तक ओड़िशा में लॉकडाउन को अबधि बढ़ाने के साथ राष्ट्रीय स्तर पर समान प्रस्ताव रखा है। इसके इलाबा केंद्र सरकार से 30 अप्रैल तक रेल और हवाई सेवाओं को निलंबित करने का भी आह्वान किया हे। ओड़िशा कैबिनेट ने भी करोना वायरस के कारण 14 जून तक ओड़िशा में सभी स्कूलों, कॉलेजों और शैक्षणिक संस्थानों को बंद करने का फैसला किया है। इसलिए, इस मायने मे हम भारतीय किसी भी अन्य देश की तुलना में अधिक सुरक्षित हैं। और देश के किसी भी अन्य राज्य की तुलना में ओड़िशा बेहतर स्थिति में है। स्थिति को देखते हुए, पीएम मोदी और सीएम नवीन दोनों उचित कार्रवाई कर रहे हैं। इसलिए केवल विरोध करने के लिए बेवजा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी या मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की आलोचना करने के बजाय, केंद्र और राज्य सरकार का दिशानिर्देशों का पालन करना चाहिए और दोनों सरकारों के साथ सहयोग करना चाहिए।

संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा सहित कई देश अब हाइड्रोक्सी क्लोरोकेन मेडिसिन के लिए भारत की मदद मांग रहे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प के अनुसार, दवा के सकारात्मक परिणाम हैं। यदि यह सफल होता है, तो यह स्वर्ग से एक उपहार की तरह होगा। इस भारतीय मेडिसिन से संयुक्त राज्य अमेरिका को कोरोनावायरस का सफल इलाज होने की उम्मीद है। इसी तरह, ब्राजील के राष्ट्रपति जेयर एम बोल्सानो ने अब हाइड्रॉक्सी क्लोरोकेन दवा की तुलना रामायण में वर्णित “संजीवनी बूटी” से की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखी पत्र में हाइड्रॉक्सी क्लोरोकेन दवा के लिए भारत से अनुरोध करते हुए ब्राजील के राष्ट्रपति बोल्सानो ने याद किया कि भगवान राम के भाई लक्ष्मण के जीवन को बचाने के लिए भगवान हनुमान हिमालय से पवित्र संजीवनी बूटी ’लाए थे। हालाँकि, जब मोदी ने घंटी बजाने की बात की, या 5 तारीख को रात 9 बजे 9 मिनट के लिए घर की लाइट बंद करके दिया, मोमबत्तियाँ लगाने को कहा, हमारे देश के वामपंथी बुद्धिजीवियों ने जातिवाद के रूप में इसकी आलोचना की।

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