भारत की सुरक्षा: मोदी सरकार ने कैसे पिछले पांच साल में आतंकवाद पर काबू पाया

भारत हमेशा से एक सॉफ्ट पोलिसी वाला देश समझा जाता था पर 2014 से भारत की मोदी सरकार ने अपने सैन्य और विदेश मामलों में बहुत कुछ बदलाव किये जैसे की जो देश अंतरराष्ट्रीय मामलो में भारत का साथ देते थे उनको फिर से पास लाना और जो देश भारत के खिलाफ काम करते थे उनको अलग थलग कर देना। इसी नीती पर काम करते करते पिछले 5 सालो में भारत ने विदेश और भारत की आंतरिक सुरक्षा को पहले से ज्यादा ताकतवर बनाया है इसी के चलते आतंकी हमले मे भी बहोत ज्यादा कमी आई हैं। मोदी सरकार ने भारत के खुफिया तंत्र को बहोत मजबूत किया और बडी भूमिका देश की आतंकवाद विरोधी ऐजन्सी NIA की भी हैं। आज दुनिया में NIA अकेली ऐसी ऐजन्सी है जिसका conviction Rate 92% है ये अपने आप ने बडी कामयाबी है, देश में 2014 के बाद किसीं भी बडे शहर में बॉम्बस्फोट नहीं हुए हैं. Offensive Defense नीती का ये परिणाम है की भारत की बाह्य और आंतरिक सुरक्षा पहले से कई गुना ताकतवर हुई हैं।

देश को 4 पार्टस में डिवाइड किया जाता है नॅशनल Security के मामलो पर पहला है जम्मू और काश्मीर दुसरा है naxal affected areas तिसरा है Northeast insurgency and चौथा हैं Hinterland of India. अगर आप इसकी गहराई में देखे तो आपको समज आयेगा की मोदी सरकार ने इनमें से 3 को पुरी तरह से कंट्रोल कर दिया है भारत की नॉर्थइस्ट insurgency लगभग खतम होने की कगार पर है वहा पर सिर्फ NSCN IM aur NSCN K दो आतांकी ग्रुप है जिंनका थोडा बहोत अस्तितव बचा है अगर हम नंबर्स पर ध्यान दे तो समज आएगा की 2013 के मुकाबले 2019 में NE insurgency मै 70% की कमी आई है और हाल में जन्वरी में बोडो ग्रुप्स के साथ हुआ शांती समजौता भी इसी तरह इशारा करता है की केंद्र की सरकार काफी ध्यान दे रही हैं उत्तर पूर्व मे शांती बहाल करने पर. बोडो ग्रुप्स NDFB के साथ जो शांती समजौता हुआ है वो अपने आप में Historic है। आज तक बोडो संघर्ष मे 7000 से ज्यादा लोगों की जान चली गयी है। उत्तर पूर्व में चीन भी लगातार Terrorist organization की मदत कर रहा है। NE के कई Terrorist ग्रुप के बडे लीडर चीन में रह रहे है और चीन द्वारा उन्हे पुरी तरह से मदत मिल रही है।

गृह मंत्रालय भी अपने स्तर पर बडे काम कर रही है जैसे देश की Technical इंटेललिजन्स ऐजन्सी NTRO को और ज्यादा अधिकार देना और ज्यादा से ज्यादा technical analyst की भरती करना जिस्से अधिक से अधिक technical इंटेलिजन्स मिल सके और साथ में उग्रवादी ग्रुप्स के साथ जमिनी सस्तर पर शांती समजौता कर रही है जिस्से उग्रवादी हाथीयर दालकर आम लोगों की तरह जीवन के प्रवाह में शामिल हो सके। Northeast में 2015 मे 574 insurgency की घटना हुई थी जो 2018 आते कम होके 134 हो गयी ये बहोत बडी उपलब्धी है सरकार के लिये और वहाँ रहने वाले लोगों के लिये।

Swapnil Talele: Swapnil Talele is currently monitoring the Indo-Pak-Balochistan situation. He also has good knowledge of information warfare and counter-insurgency/terrorism (CI-CT).
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