पाकिस्तान के एजेंडे पर काम कर रहा है देश का विपक्ष

जब से देश में मोदी सरकार आयी है, देश के विपक्षी नेता और पाकिस्तान एक ही स्वर में बोल रहे हैं -दोनों की परेशानी की वजह अलग अलग हो सकती है लेकिन राजनीतिक कारणों से मोदी का अंध विरोध करते करते विपक्ष कब पकिस्तान के एजेंडे पर चलने लगा इसका अंदाज़ा उसे भी नहीं हुआ और जब देश की अधिकांश जनता इस सच्चाई को जान चुकी है, विपक्षी दलों के नेता और उनके समर्थक इस बात को आज भी स्वीकार करने में संकोच कर रहे हैं.

पाकिस्तान के राजनेता और राजनीतिक रणनीति विशेषज्ञ लगातार यह बात कह रहे हैं कि भारत में अगर मोदी को हराना है तो हिन्दुओं में फूट डालनी पड़ेगी. पाकिस्तानी राजनीतिक रणनीतिकार तारिक पीरजादा ने तो यहां तक कह दिया कि “हिन्दुओं में फूट डाले बिना मोदी को हराना संभव नहीं है और मैं यह समझता हूँ कि राहुल और केजरीवाल इस काम को बखूबी अंजाम दे रहे हैं.”

यहां सबसे बड़ा सवाल यह है कि पाकिस्तान मोदी को सत्ता से बाहर क्यों करना चाहता है ? मोदी सरकार आने के बाद से ही न सिर्फ सीमा पार से आने वाले पाकिस्तानी आतंकवाद पर रोक लगी है, बल्कि नोटबंदी के चलते पाकिस्तान के नकली भारतीय नोटों के कारोबार पर भी पूरी तरह लगाम लग गयी है-पाकिस्तान की पूरी अर्थव्यवस्था इन्ही दोनों धंधों पर निर्भर थी और दोनों पर ही मोदी सरकार के आने के बाद पूरी तरह रोक लग गयी है.

देश का विपक्ष भी मोदी सरकार को किसी भी कीमत पर सत्ता से बाहर करना चाहता है और मोदी को सत्ता से बाहर करने के लिए विपक्ष को पाकिस्तानी एजेंडे पर चलने में भी कोई संकोच या बुराई नज़र नहीं आ रही है. विपक्षी दलों ने केंद्र और राज्यों की सत्ता में जो सुख भोगा था, उस सुख को दुबारा से पाने के लिए वह किसी भी हद से गुजर जाना चाहते हैं. लड़ाई सिर्फ सत्ता की हो और मुद्दों पर लड़ी जाए तो उसमे कुछ गलत नहीं है क्योंकि यह सब एक लोकतान्त्रिक व्यवस्था का हिस्सा है लेकिन लोकतान्त्रिक तरीके से विपक्ष की दाल अब गल नहीं रही है इसलिए उसे मजबूरन गैर-लोकतान्त्रिक तरीके अपनाने पड़ रहे हैं. विपक्ष कभी EVM पर सवाल उठा रहा है, कभी नकली किसान आंदोलन और नकली दलित आंदोलन करके लोगों को भड़काने का काम कर रहा है.

अवार्ड वापसी जैसे नाटक भी जब फेल होने लगे तो विपक्ष ने खुले आम देशद्रोह का समर्थन शुरू कर दिया. कश्मीर में आर्टिकल ३७० और ३५ ए हटाए जाने के विरोध से लेकर नागरिकता संशोधन कानून का विरोध यही साबित कर रहा है कि देश का विपक्ष सत्ता पाने के लिए “मौलिक मुद्दों” की जगह “पाकिस्तान से उधार लिए गए मुद्दों” पर काम कर रहा है. पाकिस्तान के एजेंडे पर काम करते हुए अब विपक्ष ने छात्रों को भी हिंसा के लिए उकसाना शुरू कर दिया है. विपक्ष की यह रणनीति उसे सत्ता के कितने नज़दीक ले जाएगी, यह तो आने वाला समय ही बताएगा.

RAJEEV GUPTA: Chartered Accountant,Blogger,Writer and Political Analyst. Author of the Book- इस दशक के नेता : नरेंद्र मोदी.
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