झूठा इतिहास सेक्युलर और वामपंथियों द्वारा

दो कौड़ी के वामपंथी और जिहादी प्रोफेसर हिन्दुओं को आर्यन बताकर विदेशी बताने में लगे रहे लेकिन ये नहीं बोल पाए- इस्लाम अरब देश में उपजा और इसका भारत से कोई सम्बन्धी नहीं।

मुग़लों को तो अपनी आँखों का तारा बना दिया, लेकिन समुद्रगुप्त को साम्राज्यवादी लिख दिया। नेहरू अंग्रेज़ों की भीख पर ही भारत के अंतरिम प्रधानमंत्री बने लेकिन अंग्रेज़ों से मिले होने का सारा दोष आरएसएस पर डाल दिया।

जवहारलाल नेहरू को ब्रिटिश शासन प्रणाली बहुत पसंद थी और याद रखे 1929 से पहले कांग्रेस के मुख्य नेता पूर्ण स्वराज की बात नहीं करते थे।

तिलक और मदनमोहन मालवीय जैसे नेता जो अंग्रेज़ों के विरुद्ध खुलकर बोलते थे और अंग्रेज़ों की मार खाते थे इन्हें पार्टी में सही जगह नहीं मिली।

1991 में उदारीकरण और वैश्वीकरण की ओर बढ़ना आर्थिक सुधार नहीं था बल्कि IMF द्वारा थोपी गयी शर्तें थीं।

राजीव गाँधी, इंदिरा गाँधी ने प्रधानमंत्री रहते हुए देश के कोष को खाली कर दिया और भारत को अपना सोना बैंक ऑफ़ इंग्लैंड और बैंक ऑफ़ स्विट्ज़रलैंड में गिरवी रखना पड़ा था।

आजतक 1991 हमे आर्थिक सुधर के रूप में पढ़ाया जा रहा है।

मैं हिन्दू हूँ, इसलिए भारत और सनातन संस्कृति के पक्ष में बोलता हूँ। ये वामपंथी हिन्दू नाम रखकर हिन्दुओं के विरूद्ध बोलते है. प्रश्न इनसे होना चाहिए ये किस विदेशी संस्था के एजेंट है?

Sources
https://www.indiatoday.in/lifestyle/culture/story/romila-thapar-s-new-book-is-about-the-cultures-in-india-1202265-2018-04-01

On 1991 reform
https://en.wikipedia.org/wiki/1991_Indian_economic_crisis

pulkitkaul: I am Pulkit Kaul who likes to do different thing in life. From Doraemon cartoon I just to watch complicated International affairs. I love to express myself and I am not a person who will be loved by mainstream media
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