70 साल का दंश खत्म, देश के लिए एक नई सुबह का आगाज़

5 अगस्त का दिन भारतीय इतिहास के स्वर्णीम अध्याय में दर्ज हो गया। इस दिन न तो दिवाली थी न होली थी और न ही भारत पाक मैच था।

लेकिन देश फुल ऑन सेलेब्रेशन डूबा था। देशभर में लोग जश्न मना रहे थे। अबीर गुलाल खेल रहे थे, पटाखें फोड़ रहे थे। ढ़ोल नगाड़े के साथ मिठाई बांट कर एक दूसरे को बधाई दे रहे थे। कई लोग पांच अगस्त को 15 अगस्त की तरह मना रहे थे। सोशल मीडिया पर तो लोगों का उत्साह देखते ही बनता था।

दरअसल केंद्र सरकार ने सोमवार को अपने संकल्प पत्र के वादे को यथार्थ का रूप देते हुए जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा प्रदान करने वाले अनुच्छेद 370 को हटा दिया।सरकार ने जम्मू कश्मीर और लद्दाख को अलग करते हुए दोनों को केंद्र शासित प्रदेश बना दिया। इसके साथ ही दशकों से आतंक और भय का दंश झेल रहा कश्मीर मुक्त हो गया।कश्मीर के साथ- साथ पूरे देश के लिए यह नई सुबह का आगाज है।

अलगवाद, आतंक और हिंसा की मार झेल रहा कश्मीर अब भारत का सिरमौर बनेगा, विकास की नई गाथा लिखी जाएगी। कश्मीर के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य, शिक्षा और केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ तो मिलेगा ही साथ ही राज्य में व्यापार और उद्योग धंधों की भी बहाली होगी। जिससे  कश्मीर के लोगों के साथ – साथ देश के अन्य प्रदेशों के लोगों के लिए भी कश्मीर में रोजगार और जीवनयापन के अवसर मिलेंगे। अलग – अलग प्रदेश के लोगों के साथ रहने से आपस में लगाव और प्रेम भी बढ़ेगा। अब तक अलग – थलग रह रहे कश्मीर के लोग भी भाईचारे की डोर में जुड़कर राष्ट्रीय एकता के अटूट बंधन को मजबूती प्रदान करेंगे।

देश के तमाम राजनीतिक दलों को एक स्वर में सरकार के फैसले का स्वागत करना चाहिए और आतंकमुक्त, भयमुक्त नया कश्मीर गढ़ने में सहयोग करना चाहिए।

Rinku Mishra: लेखक ,कवि व पत्रकार
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