वैश्विक मंच पर मजबूती से उभरता भारत, अलग- थलग पड़ता पाक

कुलभूषण जाधव मामले में अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के फैसले के साथ ही पाकिस्तान को एक बार फिर से वैश्विक मंच पर मुंह की खानी पड़ी है। दशकों से जहर की खेती करता आ रहा पाकिस्तान पूरी दुनिया के सामने बेनकाब हो गया है। बुधवार को हेग की अदालत में जब आईसीजे फैसला सुना रहा था तब पाकिस्तान को मुंह छिपाने की जगह नहीं मिल रही थी। 16 जजों में से 15 जजों ने भारत के पक्ष में फैसला दिया। कोर्ट ने कुलभूषण जाधव की फांसी पर रोक लगा दी। कोर्ट ने साफ कहा कि पाकिस्तान ने कानून का पालन नहीं किया है, पाकिस्तान ने वियना संधि का उल्लंघन किया है। कोर्ट ने पाकिस्तान को आदेश दिया कि वह जाधव को काउंसलर एक्सेस प्रदान करे। साथ ही वह जाधव को वियना संधि के तहत प्राप्त अधिकारों के बारे में बताए और उसका पालन भी करे। कुलभूषण मामले में आईसीजे के फैसले को वैश्विक मंच पर भारत की बड़ी जीत के रूप में देखा जा रहा है।

इतना ही नहीं वैश्विक दबाव के कारण पाकिस्तान ने मुंबई हमले के मास्टर माइंड हाफ़िज सईद को भी गिरफ्तार कर लिया है। दरअसल इस समय पाकिस्तान पर चौतरफा दबाव है। आईएमएफ और फ़ाइनेंशियल एक्शन टास्क फ़ोर्स ने तो अक्टूबर तक का समय दिया है। यही वजह है कि पाकिस्तान ने पिछले दिनों चरमपंथ को बढ़ावा देने वाले संगठनों की संपत्तियों और अकाउंट को जब्त करने के साथ ही उनके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज किया था।

दरअसल पिछले कुछ सालों में भारत ने वैश्विक मंच पर एक मजबूत राष्ट्र के रूप में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। दुनिया के तमाम बड़े देश भारत के साथ मधुर संबंध बनाने को लेकर दिलचस्पी दिखा रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी को जिस तरह से विदेशों में लोकप्रियता हासिल हो रही है, उससे भारत दुनिया के लिए एक मजबूत संभवनाओं का देश बनकर उभरा है। आज दुनिया भारत की तरफ आस लगाए बैठी है। वहीं दूसरी तरफ पाकिस्तान बिखरता जा रहा है। भारत ने जिस तरह से कुटनीतिक कौशलता और मजबूत रणनीति के तहत दुनिया के सामने अपना पक्ष रखा है,  आतंकवाद के मुद्दे पर जिस तरह पाक को घेरा है, उससे अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान अलग – थलग पड़ गया है। अमेरिका और चीन के टूकड़ों पर पलने वाले पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था ध्वस्त हो गई है।आज कोई भी देश पाकिस्तान के साथ मंच साझा नहीं करना चाहता है, कोई भी देश पाकिस्तान के साथ कदम मिलाकर चलना नहीं चाहता है। इतना ही नहीं इस्लामिक देश भी पाकिस्तान को तवज्जो नहीं दे रहे हैं। हाल ही में मुस्लिम बहुल देशों की सबसे शक्तिशाली संस्था इस्लामी सहयोग संगठन (ओआईसी) ने पाकिस्तान के विरोध के बाद भी भारत को अपने कार्यक्रम में ‘गेस्ट ऑफ ऑनर’ के तौर पर आमंत्रित किया था। जिससे पाकिस्तान पूरी तरह बौखला गया था।

आपको याद होगा पुलवामा हमले के बाद भारत ने जिस तरह पाकिस्तान में घुस कर एयर स्ट्राइक किया था, उससे पाकिस्तान पूरी तरह विखर गया था। उसकी हालत पस्त हो गई थी। वैश्विक दबाव के कारण पाकिस्तान ने दो दिन के भीतर ही विंग कमांडर अभिनंदन को रिहा कर दिया था। इसके बाद भारत के प्रयासों की बदौलत ही संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने 1 मई को पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित किया। भारत की वर्तमान सरकार ने पाकिस्तान के प्रति अपना रुख साफ कर दिया है। भारत किसी भी कीमत पर आतंक से समझौता नहीं करने वाला है। ऐसे में पाकिस्तान के लिए बेहतर होगा कि वह अपनी गोद में आतंकियों को पनाह देना बंद करे और भारत का साथ दें। अमन चैन के साथ – साथ पाकिस्तान के लोगों की भलाई भी इसी में है कि कुलभूषण जाधव के मामले में नए सिरे से पहल करे और उसे आजाद करे। अगर वह ऐसा नहीं करता है तो उसे आगे और भी गंभीर परिणाम भुगतना पड़ सकता है।

Rinku Mishra: लेखक ,कवि व पत्रकार
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