भारत का सेक्युलरिज्म- इस्लामिक सेक्युलरिज्म

हजारों वर्षों से भारत की धरती विदेशी आक्रमणकारिओ व उनके द्वारा किए हुए अमानवीय व अप्रत्याशित,अकल्पनीय वहाबी कृतियों को स्वतंत्रता के उपरांत भी मधु भाषणीय कवियों की पंक्तियों की तरह भारत के शिक्षा क्रम में पारितोषिक किया जा चुका है.

जीसस के जन्म से भी पूर्व महान राष्ट्रप्रेमी विद्वान पंडित चाणक्य द्वारा कही हुई यह बात “अखंड भारत” आज स्वयं में ही अकल्पनीय  शब्दावली बन चुकी है. वर्तमान देश की परिस्थितियां वंदे मातरम ब भारत माता की जय पर भी प्रश्नचिन्ह लगातीं  हैं. अभिव्यक्ति की आज़ादी व 70 के दशक में सेकुलर नामक जीवात्मा को संविधान की आत्मा से मोक्षित कराने का महान कार्य हमारे देश की धर्म जातिय मतगणना को परिभाषित करता है.

समय यात्रा की एक कथा मैं आपको सुनाता हूं. मुग़ल आक्रमणकारियों से मुगल वंश और मुग़ल वंश से ईस्ट इंडिया कंपनी तक और ईस्ट इंडिया कंपनी से ब्रिटिश अंपायर तक अंत में ब्रिटिश अंपायर से नेशनल इंडियन कांग्रेस तक अति सूक्ष्म दृष्टि से अगर आप अवलोकन करें भारतीय सभ्यता व संस्कृति की छिन्न विछिन्न सूक्ष्मतमऔ् परमाणुइक प्रणाली इसी समय क्रम के अनुसार निर्धारित रही है.

भारत माता की सत्य व्रत संताने स्वयं का मार्जन कर स्वयं से ही यह प्रश्न पूछे क्या 15 अगस्त 1947 को भरत का भारत पुनः जीर्णोधारित हुआ? अन्ततः अपने आदर्शों को अपने यथार्थ को पहचानिये व् जानिये और भारत माता को हजारों वर्षों की कुत्सित समय प्रणाली से स्वतंत्र कराइए|

भरत का भारत “सनातन धर्म जयते यथाः”!

भरत का भारत: मैं भारत माँ का सामान्य पुत्र हूँ ,भारतीय वैदिक सभ्यता मेरी जीव आत्मा व् संसार में हिँदू कहे जाने बाले आर्य मेरे पूर्वज हैं ॐ "सनातन धर्म जयते यथा "
Disqus Comments Loading...