युवराज का इस्तीफा या रोबोट 2.0 की तैयारी?

चुनाव खत्म हुए, परिणाम घोषित हुआ और फिर शुरू हो गया असली खेल। इस बार खेल सत्ता का नहीं गांधी परिवार को उस हार के जिम्मेदारी से बचाने का खेल शुरू हुआ है।

खेल ऐसा है कि “लिबरल” समाज 2 खेमें में बंटा है (बताने की जरूरत नहीं दिखावे के लिए), एक खेमा राहुल गांधी से इस्तीफा मांग रहा है और दूसरा खेमा उसका विरोध कर रहा है।

अब आपके मन मे सवाल होगा कि ऐसा क्यों? तो उसका जवाब ये है कि

1- ये दिखाया जाए कि कांग्रेस एक लोकतांत्रिक पार्टी है

2- सवाल उठाने वाले अपने आप को न्यूट्रल दिखाना चाहते हैं या सीधे शब्दों में कहें तो वो 10 जनपथ का दरबारी नहीं हैं ऐसा साबित करना चाहते हैं

3 – मामला गर्म है, इस्तीफा दिलवा दो और थोड़े दिन बाद फिर से कमान वापस दे दिया जाए

पर अब एक बार ये मान लेते हैं कि राहुल गांधी के इस्तीफा के इस्तीफे की पेशकश सच्चे मन से है, दरबारी मेरा मतलब है लिबरल सच में उनका इस्तीफा चाहते हैं तो फिर कुछ और सवाल मेरे मन मे आते हैं और वो हैं

क्या कांग्रेस 10 जनपथ से ऑपरेट होना बंद हो जाएगा? क्या नए अध्यक्ष को भी 10 साल मिलेंगे अपने आप को साबित करने के लिए? क्या 2024 में वही अध्यक्ष कांग्रेस का प्रधानमंत्री उम्मीदवार होगा या तय करेगा?

और अगर हां तो हम कैसे यकीन करें? यही पार्टी है न जिसने एक गैर गांधी-नेहरू परिवार के सदस्य को प्रधानमंत्री पद पर बिठा दिया था पर क्या वो सच मे प्रधानमंत्री थे? क्या ये सच नहीं कि PMO के फाइल्स भी 10 जनपथ जाते थे? क्या ये सच नहीं कि सारे मंत्री 7RCR की जगह 10 जनपथ रिपोर्ट करते थे?

जब देश के प्रधानमंत्री की ये हालत हो सकती है तो फिर जो गैर “गांधी परिवार” का व्यक्ति पार्टी का अध्यक्ष बनेगा उसकी क्या हैसियत होगी आप खुद अंदाजा लगा सकते हैं।

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