मोदी से बाजार की उम्मीदें

मोदी सरकार को प्रचंड बहुमत मिलने के बाद शेयर बाजार में उछाल आना तो लाज़मी ही था। 23 मई 2019 को भारतीय शेयर बाजार का सूचकांक निफ़्टी ने अपना उच्चतम स्तर छुआ।निफ़्टी ने एक लम्बी छलांग लगायी और 12000 के स्तर को हांसिल कर लिया। वैसे तो एग्जिट पोल के अनुमान आने के बाद ही निफ़्टी ने एक लंबी छलांग लगायी थी और 400 अंकों की बरी तेजी के साथ बाजार ने हुंकार भरी थी।

बाजार का इस तरह से नयी सरकार का स्वागत करना बनता भी है क्यूंकि पिछले पांच सालों में जो मोदी सरकार ने बोया है उसका फल इन पांच सालों में मिलेगा। GST हो या नोटबंदी बाजार ने पिछले पांच सालों में सब झेल लिया और निवेशकों ने इन सभी चीजों को एक कड़वी दवा समझ कर सेवन कर लिया है। सरकार ने बैंकों की खस्ता हालत को देखते हुए कई कदम उठाये और मोदी सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि ये रही की सरकार ने महंगाई को नियंत्रित रखा और उसे बढ़ने नहीं दिया लोकसभा 2019 का चुनाव पहला ऐसा चुनाव था जिसमे महंगाई मुद्दा नहीं था। RBI द्वारा पिछले पांच सालों में 9 दफा रेपो रेट को कम किया गया और 2 दफा रेपो रेट में इजाफा किया गया। 28th जनवरी 2014 को रेपो रेट 8% पर था जो की अभी 6% पर है।रेपो रेट में जैसी कमी की गयी है इसका सीधा प्रभाव आम जनता पर परा है और लोन की दरों में गिरावट देखने को मिली है।सरकार ने फर्जी कंपनियों के खिलाफ भी सक्त कदम उठाये और सैकड़ों फर्जी कंपनियों में ताले लग गए हैं।

नई सरकार का इंफ्रास्ट्रक्चर पर विशेष ध्यान रहेगा और साथ ही साथ गंगा सफाई जैसे काम जो पिछली सरकार में पुरे नहीं किये जा सके इस बार के प्रमुख कार्यों में से एक होगा। मोदी सरकार ने RERA कानून पारित किया जिससे रियल स्टेट सेक्टर के बढ़ती हुई कीमतों पर कुछ हद तक लगाम तो लगी लेकिन फिर भी इस सेक्टर में अभी बहुत काम होना बांकी है और उम्मीद है की इस सेक्टर में कई ठोस और सक्त कदम उठाये जायेंगे। सरकार का एक लक्ष क्रूड आयल की खपत को कम करना भी रहा है जिससे केमिकल सेक्टर के कई शेयरों में उछाल देखने को मिला था, और इस बार भी उम्मीद है की इस सेक्टर पर विशेष ध्यान दिया जायेगा। क्रूड आयल के पर्याय के तौर पर मेथनॉल पॉलिसी को आगे बढ़ाने का कार्य सरकार के अहम् लक्ष्यों में से एक रहेगा। सरकार ऊर्जा के श्रोत के तौर पर कई विकल्प को तलाश रही है और सौर्य ऊर्जा पे जिस तरीके से ध्यान पिछली सरकार में दिया गया था वैसा ही कुछ इस बार भी अपेक्षित है। न केवल सौर्य ऊर्जा बल्कि बैटरी से संचालित वाहनों में भी बढ़त देखने को मिली थी और इस बार भी सरकार ऊर्जा के इन श्रोतों पर विशेष ध्यान देगी।

सरकार जल परिवहन पर भी विशेष रूप से ध्यान दे रही है और पिछली सरकार द्वारा जल परिवहन के लिए किया हुआ कार्य सराहनीये था,इसबार इसके विस्तार की योजना है। रेलवे का जीर्णोद्धार जिस तरीके से पिछली सरकार ने किया था उसको आगे बढ़ाया जायेगा और रेलवे में आने वाले पांच सालों में बड़ा बदलाव आने की संभावना है। मेक इन इंडिया और FDI निवेश पर मोदी सरकार का हमेशा से जोर रहा है और इस बार भी FDI निवेश के साथ-साथ मेक इन इंडिया प्रोजेक्ट को भी हवा दी जाएगी, जिससे रोजगार के स्तर पर भी जो थोड़ी बहुत कमी रह गयी थी उसकी भरपाई की जा सके। सरकार की सफलता के पीछे गाँव और किसानों का भी बहुत बड़ा हाथ रहा है। किसानों के लिए सरकार ने कई कदम उठाये लेकिन वो काफी नहीं हैं और इस बार सरकार किसानों के कल्याण के लिए कुछ न कुछ जरूर ले कर आएगी जिससे उनका भला हो सके, इसी कारन से किसानों से सन्दर्भ सेक्टर में भी बड़ी तेजी की संभावना है।

मोदी जी की पिछली सरकार उम्मीदों से लबरेज थी और कई उम्मीदों पर सरकार खड़ी भी उतरी लेकिन जो भी बची खुची कसर रह गयी है उन सारी उम्मीदों को पूरा करने की कोसिस मोदी जी की इस सरकार से की जा रही है। इस बार की सरकार पर उम्मीद कम भरोसा ज्यादा है क्यूंकि देश की जनता ने पिछले पांच सालों का कार्य देख लिया है।जिस तरीके के प्रचंड बहुमत से सरकार दोबारा आयी है इससे अगर हम यह निष्कर्ष निकाले की ये मोदी जी के कार्यों के ऊपर जनता का मुहर है तो यह गलत नहीं होगा।

Nilay Mishra: Stock Market Trainer with expertise in domain of Trading and Investment.
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