चुनाव लड़ने पर बतानी पड़ती अपनी और पति रॉबर्ट वाड्रा की संपत्ति, इसलिए प्रियंका मैदान छोडकर भागी

नई दिल्ली, 28 अप्रैल: कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी की वाराणसी से पीएम मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ने की अटकलें लगायी जा रही थी, लेकिन अंतिम समय पर खुद प्रियंका ने चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया, प्रियंका के चुनाव न लड़ने के बाद लोग इसके अलग-अलग मायने निकाल रहे हैं.

कुछ राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि प्रियंका गांधी ने समय रहते वाराणसी में पीएम मोदी की ताकत का अंदाजा लगा लिया, इसलिए चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया, जबकि कुछ का कहना है कि राहुल गांधी प्रियंका गांधी की राजनीतिक पारी का आगाज हार से नहीं कराना चाहते हैं.

वैसे प्रियंका जब मीडिया से बात करती थी और मीडिया वाले उनसे वाराणसी से चुनाव लड़ने के बारे में पूछते थे तो प्रियंका कहती थी अगर पार्टी कहेगी मतलब राहुल गांधी आदेश देंगें तो मैं वाराणसी से चुनाव लड़ने के लिए पूरी तरह तैयार हूँ, ये बातें प्रियंका ने कई बार कही, लेकिन बाद में प्रियंका ने पार्टी फैसला आने से पहले खुद ही इनकार कर दिया कि मैं चुनाव नहीं लडूंगी, हालाँकि ये बातें प्रियंका ने मीडिया के सामने नहीं कि, नहीं तो मीडिया तुरंत सवाल दाग देती कि आप तो वाराणसी से चुनाव लड़ने के लिए तैयार थी बस पार्टी का आदेश चाहिए था, लेकिन अब क्या हुआ जो आपने चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया. इसलिए प्रियंका ने बड़ी चतुराई के साथ अंदर ही अंदर निर्णय ले लिया और कांग्रेस ने वाराणसी से अजय राय को प्रत्याशी बना दिया.

वाराणसी से चुनाव न लड़ने का फैसला खुद प्रियंका गांधी ने लिया इसका खुलासा तो वरिष्ठ कांग्रेसी नेता सैम पित्रोदा ने करके हडकंप मचा दिया, अब मुख्य मुद्दा ये नहीं है कि प्रियंका ने हार के डर से चुनाव लड़ने से इनकार किया, अरे भाई चुनावी मैदान में हार जीत तो लगी रहती है, प्रियंका के चुनाव न लड़ने की मुख्य वजह हम बता रहे हैं आपको.

कांग्रेस की नई नवेली महासचिव प्रियंका गांधी ने वाराणसी से या किसी भी सीट से चुनाव इसलिए नहीं लड़ा क्योंकि जब वो चुनाव लड़ती और नामांकन करती तो उन्हें अपनी, अपने पति रॉबर्ट और बच्चों की संपत्ति का पूरा ब्योरा देना पड़ता और इसे वो छुपा नहीं सकती थी, प्रियंका गांधी नहीं चाहती हैं कि उनकी और पति रॉबर्ट वाड्रा की संपत्ति सार्वजानिक हो.

वैसे इस बात से कोई अंजान नहीं होगा कि रॉबर्ट वाड्रा अवैध संपत्तियों के सरदार हैं और प्रियंका गांधी वाड्रा उनकी धर्मपत्नी हैं, अगर प्रियंका के नामांकन में रॉबर्ट वाड्रा और उनकी सारी काली संपत्ति सार्वजानिक हो जाती तो इधर विरोधी पार्टियाँ पूछने लगती भाई इतनी संपत्ति आई कहाँ से, संपत्ति सार्वजानिक होने के बाद प्रियंका के एक सीट जीतने से ज्यादा कांग्रेस को बहुत नुकसान उठाना पड़ता, क्यूंकि अब सोशल मीडिया का जमाना है जनता जागरूप हो चुकी है कि और कहती कि प्रियंका और इसके पति के पास तो बहुत संपत्ति है, मालूम हो कि अवैध संपत्ति को लेकर रॉबर्ट वाड्रा कई बार प्रवर्तन निदेशालय ED के चक्कर लगा चुके हैं और हो सकता है आगे जेल भी चले जाएँ.

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