भारत के डीएनए में सच मे घुली है कांग्रेस

पार्थेनियम हिस्टेरोफोरस

इस घास को बहुत से लोगों ने नाली किनारे या सड़कों के किनारे लगा देखा होगा। इस घास का नाम है पार्थेनियम हिस्टेरोफोरस पर इस घास को भारत में एक और नाम से जाना जाता है ‘काँग्रेस घास’ या गाजर घास।

कांग्रेस घास नाम के पड़ने की कहानी ऐसी है की पचास के दशक में तत्कालीन प्रधानमंत्री ने अमेरिका से घटिया क्वालिटी का गेहूं PL-480 इम्पोर्ट किया इस घास के बीज उसी गेंहू में मिल कर पहली बार भारत आये। ये घास इंसान जानवर और ज़मीन सबके लिये खतरनाक साबित हुई। इंसानो में बहुत सी स्किन एलर्जी, दुधारू जानवरो को बहुत नुक़सान हुआ। ये घास ज़मीन को बंजर बना देती है और एक अनुमान के हिसाब से पिछले पचास साल में 350 लाख हैक्टेयर जमीन इस से इफेक्ट हुई।

जब राहुल गांधी कहते हैं की भारत के डीएनए में कांग्रेस घुली है शायद वो इसी जहर की याद दिला रहे होते हैं।

खैर कांग्रेस ग्रास के खिलाफ लड़ाई अब जोर पकड़ चुकी है एक इन्सेक्ट (Zygogramma) के माध्यम से हज़ारों हैक्टेयर उर्वर जमीन को इस जहरीली घास से मुक्त किया जा चुका है।

उम्मीद है अगले कुछ सालों में भारत इस विषैली घास से मुक्त होगा।

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