सत्ता परिवर्तन के साथ ही कांग्रेस सरकार ने माखनलाल पत्रकारिता विश्वविद्यालय को निशाने पर ले लिया और कांग्रेसीकरण करना प्रारंभ कर दिया। पहले कुलपति श्री जगदीश उपासने पर दवाब बनाया, मानसिक रूप से प्रताड़ित किया और जबरन इस्तीफा देने पर मजबूर कर दिया। उसके बाद कुलसचिव प्रो. संजय द्विवेदी को कुलसचिव पद से हटा दिया और अपने प्यादों को उन पदों पर बैठा दिया।
लेकिन इतने से कांग्रेस सरकार का कहां मन भरने वाला था। बदले और प्रतिशोध की अग्नि में जल रही सरकार ने अब प्रो. संजय द्विवेदी को जनसंचार विभाग के अध्यक्ष पद से भी हटा दिया। संजय द्विवेदी मीडिया जगत में एक प्रतिष्ठित नाम है, पत्रकारिता के हस्ताक्षर होने के साथ – साथ लाखों मीडियाकर्मियों के आदर्श और प्रणेता भी है। संजय द्विवेदी ने दिन रात एक कर जनसंचार विभाग को सिंचा हैं और सर्वश्रेष्ठ विभाग बनाया है। लेकिन कांग्रेस को छात्रों के हित और विश्वविद्यालय के कल्याण की कहां चिंता है। वह तो चुन चुन कर ऐसे लोगों पर कार्रवाई कर रही है जो कांग्रेस के नहीं है। सहिष्णुता का रोना रोने वाली सरकार प्रदेश में बढ़ रहे अपराध और आतंक को सह गई। लेकिन किसी ने मोदी युग किताब लिख दिया तो उस पर पहाड़ टूट गया और वह बदले की भावना पर उतर आई।
निश्चित रुप से पत्रकारिता विश्वविद्यालय इस समय गहरे संकट के दौर से गुजर रहा है। पत्रकारिता विश्वविद्यालय पर हावी हो रहे कांग्रेसीकरण को धोने का वक्त आ गया है। विश्वविद्यालय के छात्रों और शिक्षा जगत से जुड़े लोगों को आगे आने की जरुरत है, सरकार के खिलाफ आवाज उठाने की आवश्यकता है। अगर अब छात्र नहीं जगे तो यह सरकार पत्रकारिता विश्वविद्यालय की साख मिट्टी में मिला देगी।
एमसीयू को कांग्रेस की कार्यशाला बनाने की योजना
कांग्रेस की सरकार पत्रकारिता विश्वविद्यालय को कांग्रेस की कार्यशाला बना रही है। पिछले दिनों दिग्विजय सिंह के पुत्र और कांग्रेस सरकार के मंत्री जयवर्धन सिंह विश्वविद्यालय पहुंचे थे और लोकसभा चुनाव को देखते हुए जमीन देखकर गए थे। इसके लिए उन्होंने कुलपति और कुलसचिव को निर्देशित भी किया था कि जो लोग कांग्रेस के नहीं हैं, उन्हें किनारे करिए और अपने लोगों को पद दीजिए। और आज गाज गिर ही गई। प्रो. संजय द्विवेदी को पहले कुलसचिव पद से हटाया और अब जनसंचार विभाग के अध्यक्ष पद से भी हटा दिया गया है।