जो लौट कर आया उसका भी अभिनंदन, जो लौट कर नहीं आएं उनका भी अभिनंदन

एक मार्च को देश में दिवाली भी थी और होली भी। लोग जमकर पटाखे भी फोड़ रहे थे और अबीर गुलाल भी लगा रहे थे। अगर यह कहे कि उस दिन 15 अगस्त और 26 जनवरी का भी जश्न था, तो कुछ भी गलत नहीं होगा। क्योंकि उस दिन भारत माता की जय, भारतीय सेना की जय के नारों से आकाश गूंज रहा था, मिठाइयां बांटी जा रही थी, सोशल मीडिया पर तो देशभक्ति का ज्वार उमड़ पड़ा था। दरअसल उस दिन देश अभिनंदन का अभिनंदन कर रहा था। 60 घंटों तक पाकिस्तान की गिरफ्त में रहने के बाद भारतीय वायुसेना के विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान की वतन वापसी हुई थी। जैसे ही अभिनंदन ने भारत में कदम रखा, सवा सौ करोड़ देशवासी नतमस्तक होकर अपने जाबांज हीरो का अभिनंदन करने लगे। देश के लिए यह गौरव का क्षण था, वंदन का क्षण था, अभिनंदन का क्षण था। सवा सौ करोड़ भारतीयों के इंतजार के वो 60 घंटे अभिनंदन के वतन वापसी के उस स्वर्णिम पल को कभी भूलेंगे नहीं। देश ने उस पल को हमेशा के लिए अपनी आंखों में कैद कर लिया है। आज भी जब हम उस पल को याद करते हैं तो हमारी रुह तक रोमांचित हो उठती है।

आज विंग कमांडर अभिनंदन का आभार पूरा देश कर रहा है। आज देश को एक नया रोल मॉडल मिला है। हर जगह अभिनंदन ही अभिनंदन है। फेसबुक हो, व्हाट्सअप हो या कोई भी सोशल मीडिया का मंच हो, अभिनंदन हर मंच के हिरो हैं। तमाम मीडिया चैनल, अखबार पत्र – पत्रिकाएं, गांव शहर हर लोगों की जुबां पर बस अभिनंदन ही अभिनंदन है। वाकई अभिनंदन इस मान सम्मान और प्यार के हकदार हैं। दुश्मन के जमीं पर गिरफ्त में होने के बाद भी अभिनंदन ने जिस साहस और शौर्यता का पताका फहराया, उससे बड़ा रोल मॉडल भला और कौन हो सकता है। अपनी जान की परवाह किए बिना वतन की रक्षा के लिए मर मिटने के लिए संकल्पित अभिनंदन का अभिनंदन। भारतीय सीमाओं की रक्षा कर रहा हर एक प्रहरी अभिनंदन है। जो लौट कर आया उसका भी अभिनंदन जो लौट कर नहीं आएं उन जाबांजों को भी भारत का अभिनंदन।

देश को नया रोल मॉडल मिला –

दरअसल 27 फरवरी को विंग कमांडर अभिनंदन और पाकिस्तानी F 16 के पायलट के बीच जो जंग लड़ी गई थी वो सिर्फ 90 सेकंड की थी। लेकिन इस 90 सेकेंड में अभिनंदन वर्धमान ने पूरे भारत का दिल जीत लिया। ये वो जंग थी जो बॉलीवुड की फिल्मों में नहीं दिखाई जाती। ये वो 90 सेकंड थे जो शाहरुख खान की “चक दे इंडिया” की 70 मिनट वाली स्पीच से भी ज्यादा रोमांचक थे और ये वो 90 सेकंड थे जिन्हें कोई भूलना नहीं चाहेगा।

27 फरवरी को अभिनंदन दुर्भाग्यवश पाकिस्तान के गिरफ्त में आ गए थे। भारतीय सीमा में घुसे पाकिस्तान के लड़ाकू विमानों को खदेड़ते हुए अभिनंदन सीमा पार कर गए थे। उसी दौरान उनका विमान मिग-21 क्रैश हो गया और वो पाकिस्तान में जा गिरे। जिसके बाद पाकिस्तान ने अभिनंदन को गिरफ्तार कर लिया। जैसे ही इस बात की खबर सामने आई कि भारत का एक जवान पाकिस्तान के कब्जे में है, हर भारतीय की सांसे थम गई। हर कोई अभिनंदन के सकुशल स्वदेश वापसी के लिए दुआएं करने लगा। हालांकि जेनेवा संधि के शर्तों के हिसाब से पाकिस्तान अभिनंदन को बहुत दिनों तक रख भी नहीं सकता था। उसे भारत को सौंपना ही था। लेकिन पाकिस्तान की हरकतें इतनी नापाक है कि उसपर यकीन करना आसान नहीं था। इसके पहले भी ऐसे मामलों में पाकिस्तान अपना नापाक चेहरा दिखा चुका है।

नापाक पाक …
इसके पहले कारगिल युद्ध के दौरान भारत के तीन जवान कैप्टन सौरभ कालिया, स्कवार्डन लीडर अजय आहूजा और पायलट नचिकेता पाकिस्तान के गिरफ्त में आए थे। जिसमें से सौरभ कालिया और अजय आहूजा को पाकिस्तान ने अनेक तरह की कठोर यातनाएं दी, अंग काट लिए और फिर मार दिया। हालांकि नचिकेता जीवित वापस लौटने में कामयाब रहे। नचिकेता को पाकिस्तान ने 8 दिनों तक टॉर्चर किया था, प्रताड़ित किया था। तब जाकर भारत को सौंपा था।

इस बार पाक की एक नहीं चली….. क्लीन बोल्ड हो गए इमरान
लेकिन इस बार पाकिस्तान की एक नहीं चली। पायलट के पाकिस्तान के कब्जे में होने के बाद भी भारत ने फ्रंटफूट पर बैटिंग किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कुशल रणीनीति, कुटनीति और विदेश नीति के गुगली के आगे इमरान खान की एक नहीं चली और क्लीन बेल्ड हो गए। पाकिस्तान को बिना किसी शर्त के अभिनंदन को वापस भारत लौटाना पड़ा। पाकिस्तान को अब यह समझना पड़ेगा कि यह तब का भारत नहीं है जब हम सिर्फ जवाबी कार्रवाई करते थे, यह नया भारत है, अब जवाबी कार्रवाई ही नहीं घर में घूस कर दुश्मन को मार गिराने का साहसी फैसला भी भारत और भारत की सरकार ले सकती है।

Rinku Mishra: लेखक ,कवि व पत्रकार
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