काॅमरेड रवीश के नाम एक खुला पत्र

सेवा में,

गैर-आदरणीय रवीश बाबू,

रवीश जी, आप कुत्ते की दुम हैं क्या जो टेढ़ी की टेढ़ी रहेगी? मतलब कतई ना सुधरने की कसम खा रखी है क्या? मतलब कोई आदमी इतने निचले स्तर की पत्रकारिता कैसे कर सकता है?

आप ने थोड़े दिन पहले ‘फेसबुक’ पे पोस्ट डाला कि सेना को अब वर्दी अपने पैसों से खरीदनी पड़ेगी।

आपने जैसे ही ये पोस्ट डाला आपके चेले छापरे आ गए और कमेंट बॉक्स में लिख दिया “मोदी की माँ का***, अमित शाह की लुगाई का *****” !

शाबाश, नमन है आपकी पत्रकारिता को। एक वेश्या भी अपना धंधा ईमानदारी से करती है। रवीश जी आप तो वेश्या से भी गए गुजरे हो!

याद हो, आपको मैंने भी NDTV के दफ्तर पे खत लिखा था कि रवीश जी आपके चेले मुझे जान से मारने की धमकी दे रहे है अब बताओ में क्या करूँ? आपका अब तक मुझे उसका कोई जवाब नहीं आया। मैं आपकी विचारधारा से सहमत नहीं हूँ, आपका सबसे बड़ा आलोचक हूँ क्या इसलिए?

आप को कोई भी उठाई गिरा व्यक्ति जान से मारने की धमकी दे दे तो आप सीधा मोदी और आरएसएस की साज़िश बता देते है! मुझे भी आपके चेलों ने दी है, मैं भी, आप कहो तो, आपके खिलाफ नामज़द प्राथमिकी (FIR) करवा दूँ क्या? ये आपका ही तो लॉजिक है कि धमकी कोई दे और मोदी को घसीट लो, इसलिए मैं भी सोच रहा हूं आपके खिलाफ एफआईआर करवा दूँ।

लेकिन नहीं सर, मैं आप जैसा नीच और और बुद्धि-हीन इंसान नहीं हूँ क्योंकि मुझे पता है मुझे धमकी देने वाले आपके ‘फैंस’ हैं। उनका आप से कोई ताल्लुक नहीं होगा। लेकिन फिर आप ये कैसे सोच लेते हो कि आपको धमकी देने वाला मोदी से ताल्लुकात रखता हो?

कल को आपके घर पे पानी नही आएगा तो आप तो प्राइम टाइम पे ये रोना लेकर बैठ जाओगे कि मोदी ने मेरे घर का पाइप काट दिया, एक पत्रकार से डर गया मोदी!

गज़ब ही रुदाली है आपकी!

खैर, अब बात करता हूं आपकी इस फेक खबर पे! जैसा कि मेरे पास ये तस्वीर है, जिसमें साफ-साफ लिखा है सेना को एक्सट्रा पैसा मिलेगा वर्दी खरीदने के लिए तो अब एक बात बताओ कि ये खबर जो आप ने चलाई वो सही कैसे हुई? यहां तक कि इसमें ट्रांसपोर्ट भत्ते की भी बात हो रही है। जिस सरकार ने सेना को इतनी खुली छूट दे रखी है कि जैसे, जहाँ चाहो, मारो आतंकवादियों को, उससे ऐसी वाहियात हरकत की उम्मीद कैसे करी?

मोदी विरोध में इतना भी मत गिरो, सर, कि सेना और देश से नफरत होने लग जाए!

आपकी विचारधारा वामपंथ की है ये बात सबको पता है लेकिन कोई आपको कहने की हिम्मत नहीं करता है, पर आज मैं कहता हूं आपको “कॉमरेड” रवीश। जो उखाड़ना हो उखाड़ लेना!

आप बोलते हो मोदी मुझसे डरता है, मुझको एक इंटरव्यू क्यों नही देता है।

सर, अब असल बात मैं बताता हूं। प्रणय रॉय जो आपका मालिक है उसपे सीबीआई ने केस दर्ज कर रखा है और एक बेईमान मीडिया हाउस को देश का प्रधानमंत्री इंटरव्यू दे, ऐसा उसे शोभा नही देता।

अभी भी वक़्त है सुधर जाइए। वरना, जनता तो रोज़ आपको जूते मारती ही है!

आपको “डेथ थ्रेट” आती है?

अरे सर, जो पहले ही मरा हुआ हो (मानसिक रूप से) उसे कोई क्या मारे! मेरी सलाह मानिए, मेरे बहुत अच्छे अच्छे मानसिक रोग के डॉक्टर जानकार हैं। मैं आपकी सिफारिश लगा दूँगा तो कम खर्चे में इलाज हो जाएगा। आपकी विचारधारा को पूरी दुनिया ने नकार दिया है भारत में भी सिर्फ केरल और जेएनयू में ही बाकी है। कब तक हारी हुई लड़ाई लड़ोगे, सर? इस चक्कर मे पागल और हो जाओगे। आप इंसान बन जाइए, पत्रकार तो आप कभी बन ही नही सकते!

धन्यवाद!

(Originally published on Twitter by Arpit Bhargava. Original thread can be read here)

anonBrook: Manga प्रेमी| चित्रकलाकार| हिन्दू|स्वधर्मे निधनं श्रेयः| #AariyanRedPanda दक्षिणपंथी चहेटक (हिन्दी में कहें तो राइट विंग ट्रोल)| कृण्वन्तो विश्वं आर्यम्|
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