हाँ मुझे भी प्रकाश में एक विलन और विक्षिप्त बीमारी नजर आती हैं!

कुछ सालों पहले पाकिस्तानी मूल के कैनेडियन एक्टिविस्ट, लेखक और भारत में अप्रतिम नाम कमा चुके तारिक फतह ने मीडिया से ही सवाल करते हुए पूछा था कि “भारतीय मीडिया बॉलीवुड के एक्टर्स को इतनी तवज्जो क्यों देती हैं?”

आज मैं भी कहता हूँ, वे एक अच्छे एक्टर्स हो सकतें हैं लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि सामाजिक और राजनितिक मुद्दों पर उनकी उतनी ही बुद्धिमता हों. गोदी मीडिया इस बात को समझे और बॉलीवुड एक्टर्स की टुच्ची सोच को भारत के सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण न जोड़ें! आमिर खान की बीवी को भारत छोड़ना हैं तो उसका मतलब ये नहीं की पुरे भारत के लोगो को उसी बहस में पटक दिया जाए और एक ऐसा असहिष्णु माहौल बनाया जाए जैसे देश की तमाम महिलाएं देश छोड़ना चाहती हैं! ये एक्टर्स और खास कर एक्ट्रेस उन्हीं जगहों पर मच-मच करती हैं जहाँ उनका एकाधिकार हों, जहाँ उनको किसी का जवाब न देना पड़ें, जहाँ उनके कुछ भी बोल देने के बाद मीडिया हैडलाइन बना सकें!

दरसअल फ़िल्मी परदे से एकतरफा इंटरेक्शन करते-करते उनको आम-जीवन में भी उसी की लत लग गई हैं! वे कभी तथ्यों पर बात नहीं करतें, नाही उन्हें तथ्यों का ख्याल होता हैं! सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर कुछ लिख कर और खुद के वीडियो बनाकर ये लोग अपने शब्द दूसरे लोगो के मुँह थूंकने को अग्रेसर रहते हैं लेकिन जिनको ये ऊँगली दिखाते रहते हैं उस ख़ैमे से जब कोई एक भी खिलाडी उनके सामने आता है, भले ही वह अंतिम छोर से क्यों न हो तब इनकी हवा टाइट हो जाती है! और फिर उनकी सोच को जब वे गलत साबित होता पाते हैं तब वही राहुल गाँधी वाला राग अलापते हैं, “भाई हम तो सिख रहें हैं!”

यकीं नहीं होता तो कल की सुब्रमण्यम स्वामी और प्रकाश राज की डिबेट को देख लीजिये आपको मेरे एक एक शब्द का वजन मालूम हो जाएगा! आर.एस.एस, भाजपा और हिन्दू-वादी संगठनो के खिलाफ जहर उगलने वाले प्रकाश राज ने कहा कि “वे हिंदुत्व को मिस-गाइड करने वालो के लेकर चिंतित हैं.” और ये लोग कौन हैं पूछने पर उन्होंने सबसे पहले आर.एस.एस का नाम लिया.

जब सुब्रमण्यम स्वामी की बारी आई तो उन्होंने कहा कि “उन्होंने(प्रकाश राज) ऐसी कोई बात चिन्हित नहीं की कि जो आर.एस.एस ने कहा हो और उनको खतरनाक लगती हो!” स्वामी की इस बात पर जवाब से कोसो दूर भागते हुए प्रकाश राज ने अचानक आने वाली पीढ़ी की चिंता शुरू कर दी और बिच-बिच में हिन्दू-राष्ट्र और गौमूत्र जैसे शब्दों से हिंदुत्व के खिलाफ वायरल हो रहें कुछेक व्हाट्सप्प मेसेज याद कर खुद को बचाना चाहा लेकिन स्वामी नहीं माने!

स्वामी ने दुबारा पूछा, “ऐसा हो सकता है लेकिन यह आर.एस.एस के साथ कैसे लागु होता हैं?” उन्होंने आगे कहा कि “ऐसा लगता है मानो वे(प्रकाश राज) न्युरोसिस(बीमारी) से जूझ रहें हैं!”

स्वामी ने एक बार फिर पूछा, आप जिनकी बात कर रहें हैं वे लोग कौन हैं? परन्तु इस बार भी प्रकाश राज कुछ अलग मूड में दिखे और कहने लगे “मुझे तुमसे प्रॉब्लम हैं! मेरी प्रॉब्लम है, आदमी की जबान में हड्डी नहीं होती इसका मतलब ये नहीं कि आपकी स्पीच में भी रीढ़ की हड्डी नहीं होनी चाहिए!” और फिर वे 21 वीं सदी की मांग बताने में व्यस्त हो गए.

गौर कीजिएगा अभी तक प्रकाश राज बता नहीं पाएं कि आर.एस.एस की कौनसी बात उनको खतरनाक लगी!

आगे इस डिबेट ने मोदी, अमित शाह, गौ-हत्या, राम-मंदिर, बुरहान वानी जैसे कईं मुद्दों को छुआ लेकिन हर मौके पर स्वामी ने प्रकाश राज को संवैधानिक भाषा में विलन साबित कर दिया.

डिबेट में ऐसे मौके भी कईं मौके आए जब खुद के तर्क नहीं रख पाने के कारण विलन का गुस्से में स्वर ऊँचा हो गया.

सबसे बड़ी किरकिरी तो तब हुई जब डिबेट की दर्शक दीर्घा में से लोगो को मौका मिला कि वे दोनों मेहमानो को प्रश्न पूछ सकें तब किसी ने भी प्रकाश राज को अपने प्रश्नो के उत्तर देने लायक नहीं समझा! बहरहाल, एंकर को सामने से कहना पड़ा कि “प्रकाश राज के लिए भी कोई प्रश्न है या सब स्वामी के पास ही जाएंगे!”

एंकर के इतना कहने के बाद एक व्यक्ति खड़ा हुआ जिसने अपने आप को पूर्व इंस्पेक्टर जनरल ऑफ़ पुलिस बताया. उसने प्रकाश राज को उसकी मूवी का रोल याद करवाते एक बेहद परेशान व्यक्ति बताया और कहा “डायरेक्टर और प्रोड्यूसर ने आपने एक विलन देखा इसलिए आप एक अच्छे एक्टर बने!”

इतना सुनते असहिष्णुता का मोर्चा सँभालने वाले प्रकाश राज खुद असहिष्णु हो गए और वह व्यक्ति अपना प्रश्न पूरा न कर सका!

इस पूरी डिबेट की बात करूँ तो ऐसा लगा मानो प्रकाश राज बेहद विचलित, क्रोधित और न्युरोसिस की बीमारी से जूझ रहें हैं!

यूट्यूब पर इस वीडियो के निचे और सोशल मीडिया पर लोग तरह तरह के कमैंट्स लिख रहें हैं जिसमे आम बात बात बहार आ रही हैं कि “प्रकाश राज दूसरे पप्पू हैं!” दूसरी सबसे बड़ी कमेंट आ रही हैं कि “प्रकाश राज स्वामी के साथ डिबेट करने के लायक नहीं हैं! यह स्वामी का टोटल टाइम वेस्ट था!”

घर जाकर प्रकाश राज ने भी यह डिबेट फिरसे देखी होगी तभी उनको अंदाजा आ गया कि उनकी हैसियत क्या हैं और उन्होंने लोगो की कमैंट्स को कुछ हद तक खुद की ट्वीट में समाहित कर लिया!

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Abhishek Singh Rao: कर्णावती से । धार्मिक । उद्यमी अभियंता । इतिहास एवं राजनीति विज्ञान का छात्र
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