मोदी, भाजपा और एल. जी. की साज़िश का शिकार क्रेज़ीवाल

भ्रष्टाचार को जड़ से समाप्त करके व्यवस्था परिवर्तन करने जैसी “क्रांतिकारी” बातें करने वाले क्रेज़ीवाल जी हमेशा से ही सुर्ख़ियों में रहने के आदी हो चुके हैं. अक्सर उनके ऊपर “ईमानदार” होने के आरोप भी लगते रहते हैं. इन आरोपों में कितनी सच्चाई है, यह जानने के लिए जब मैंने क्रेज़ीवाल जी से इंटरव्यू के लिए समय माँगा तो उन्हें तो मानो मुंह माँगी मुराद मिल गयी और उन्होंने खुशी खुशी उसके लिए हामी भरते हुए कहा, “देखिये पत्रकार महोदय, मैं आपके बताये गए समय पर आपके चैनल के स्टूडियो खुद ही पहुँच जाऊँगा.”

अपने वादे के मुताबिक़ क्रेज़ीवाल जी ठीक समय से लगभग दस मिनट पहले ही हमारे टी वी चैनल के स्टूडियो में तशरीफ़ ले आये और बोले, “देखिये नगर निगम के चुनाव होने वाले हैं. मेरा बढ़िया सा मेक-अप कर दें, ताकि मैं शक्ल से भी वही लगूँ जो मैं हूँ और दर्शक मेरे बारे में कोई गलतफहमी अपने मन में न पाल लें.”

क्रेज़ीवाल के चेहरे की मन माफिक झाड़ पोंछ करते-करते हमारे चैनल के प्राइम टाइम शो का वक्त भी हो गया था, जिसका नाम था- “क्रैज़ीवाल पर लगने वाला यह आरोप बेबुनियाद है.”

मैंने क्रेज़ीवाल से अपना पहला सवाल दागा, “क्रेज़ीवाल जी, आप पर शुरू से ही “भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने वाले एक ईमानदार नेता होने के आरोप लगते रहे हैं. इन आरोपों में कितनी सच्चाई है, यही हमारे दर्शक आज जानना चाहते है.”

क्रेज़ीवाल (भड़कते हुए) : देखिये मैं यह साफ़ साफ़ बता देना चाहता हूँ कि इस तरह के सभी आरोप सरासर बेबुनियाद हैं और हमारे विरोधियों की साज़िश हैं. अब तो बबलू कमेटी की रिपोर्ट ने भी यह साफ़ साफ़ कह दिया है कि हम लोग पूरी तरह से बेईमान, भ्रष्ट और घोटालेबाज़ हैं. लिहाज़ा ईमानदार होने का कोई भी आरोप हमारे ऊपर बिलकुल भी नहीं लगाया जा सकता है.”

मैंने फिर अपना दूसरा सवाल किया, “देखिये बबलू कमेटी की रिपोर्ट का अभी हमारे चैनल ने ठीक से अध्ययन और विश्लेषण नहीं किया है, लेकिन आपको तो मालूम ही होगा कि इस रिपोर्ट में आपकी तारीफ कितनी बेबाकी से की गयी है, उसके बारे में कुछ हमारे दर्शकों को भी बताएं.”

क्रेज़ीवाल (खुश होते हुए): मैं बड़ी विनम्रता और जिम्मेदारी के साथ यह कहना चाहता हूँ कि बबलू कमेटी ने हमारे ऊपर लगाए जाने वाले “ईमानदारी” के सभी आरोपों से बरी करते हुए हम पर भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद और सरकारी संपत्ति को हड़पने के अनुकरणीय रास्ते पर चलने के लिए हमारी जमकर तारीफ की है. ऐसी तारीफ बिरलों को ही नसीब होती है. जितनी तारीफ बबलू कमेटी की रिपोर्ट में हमारी और हमारी पार्टी के नेताओं की हुयी है, हम लोगों ने गिनीज़ बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स में भी इस कमेटी की रिपोर्ट को भिजवा दिया है ताकि वे लोग भी इस रिपोर्ट का संज्ञान लेकर हमारी तारीफों के ऐसे पुल बांधें कि जनता एक बार फिर से हमारे झांसे में आ जाए और हमारी पार्टी को अपना वोट दे बैठे.”

क्रेज़ीवाल जी, लाइव टी वी पर जिस तरह से अपनी पोल खुद ही खोल रहे थे, उसे देखकर मैं एकदम स्तब्ध रह गया और उनसे बोला, “क्रेज़ीवाल जी, यह आप क्या बोल गए- आप शायद भूल गए हैं कि यह कार्यक्रम लाइव है और इसमें किसी “क्रांतिकारी एडिटिंग” की गुंजायश नहीं है.”

क्रेज़ीवाल (गुस्से से आग बबूला होते हुए): “यह सब मोदी, भाजपा और एल. जी. की साज़िश है. हम अब इस साज़िश के खिलाफ जनता के बीच जाएंगे.”

(इस काल्पनिक व्यंग्य रचना में वर्णित सभी पात्र एवं घटनाएं पूरी तरह से काल्पनिक हैं और उनका किसी जीवित या मृत व्यक्ति या संगठन से कोई लेना देना नहीं है)

RAJEEV GUPTA: Chartered Accountant,Blogger,Writer and Political Analyst. Author of the Book- इस दशक के नेता : नरेंद्र मोदी.
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