केजरीवाल और जेठमलानी पर उठते सवाल

देश के नामी वकील राम जेठमलानी केजरीवाल की तरफदारी करते हुए उनका मानहानि का मुकदमा लड़ रहे हैं. यह बात पूरा देश जानता है कि केजरीवाल अपनी घटिया दर्जे की ओछी राजनीति को चमकाने के लिए सभी ईमानदार लोगों को बेईमान बता बताकर उन पर बेबुनियाद आरोप लगाते रहते हैं और जब वह व्यक्ति उन पर मानहानि का दावा ठोंकते हुए अदालत का दरवाज़ा खटखटाता है तो केजरीवाल अपनी जान बचाने के लिए जेठमलानी जैसे वकीलों की शरण में पहुँच जाते हैं.

यहां तक तो बात सही है कि हर व्यक्ति को अदालत में अपना मुकदमा लड़ने के लिए वकील नियुक्त करने का पूरा अधिकार है लेकिन जब अदालत में मुकदमा केजरीवाल पर चल रहा हो और उसके वकील की भारी भरकम फीस का बिल दिल्ली सरकार से भरने के लिए कहा जाए तो सवालों का खड़ा होना लाज़मी है और उन सवालों के जबाब देने की जिम्मेदारी सिर्फ केजरीवाल की ही नहीं, उनके वकील जेठमलानी की भी बनती है.

अब समय आ गया है कि केजरीवाल और जेठमलानी दोनों मिलकर देश की जनता द्वारा पूछे जा रहे इन सवालों का जबाब दें. सवाल इस तरह से हैं:

१. जेटली मानहानि मामले में केजरीवाल का अदालतों में बचाव करने के लिए जेठमलानी ने उन्हें ३.२४ करोड़ रुपये का बिल भेजा है. केजरीवाल ने यह वकील की फीस का बिल भुगतान करने के लिए दिल्ली सरकार को भेज दिया है और मामला अभी दिल्ली के उप राज्यपाल के पास लंबित है. सवाल यह है कि जेटली ने तो तो मानहानि का मामला दिल्ली सरकार पर नहीं, केजरीवाल के खिलाफ दर्ज किया था. फिर उस मुक़दमे को लड़ने के लिए वकील की फीस का भुगतान केजरीवाल को अपनी जेब से करना चाहिए या फिर दिल्ली सरकार को उसका भुगतान दिल्ली की जनता के खून पसीने की कमाई में से कर देना चाहिए?

२. जेठमलानी जी देश के नामी वकील हैं. क्या उन्हें यह बात केजरीवाल को नहीं बतानी चाहिए कि अपने व्यक्तिगत खर्चों का भुगतान दिल्ली सरकार से करवाना सीधा सीधा भ्रष्टाचार है?

३. मामले ने जब मीडिया में तूल पकड़ ली तो जेठमलानी ने केजरीवाल के बचाव में आते हुए यह बयान भी दिया है कि अगर केजरीवाल बिल का भुगतान नहीं कर सके तो वह उनका मुकदमा मुफ्त में लड़ेंगे. किसी भी मुकदमा लड़ने से पहले ही वकील अपने क्लाइंट के साथ फीस की बात साफ़ साफ़ तय कर लेता है. क्या जेठमलानी ने केजरीवाल से फीस की बात पहले से तय नहीं की थी?

४. क्या केजरीवाल ने अपने व्यक्तिगत मुक़दमे की फीस का बिल दिल्ली सरकार को भुगतान करने के लिए जेठमलानी की सलाह पर ही भेजा है?

५. दिल्ली सरकार के खजाने से अपने व्यक्तिगत खर्चों के भुगतान का यह पहला मामला है या फिर इस तरह से दिल्ली के जनता के खून पसीने की कमाई की लूट पहले भी होती रही है और पहली बार यह मामला उप राज्यपाल के संज्ञान में आया है?

केंद्र सरकार को तुरंत इस संगीन मामले का संज्ञान लेते हुए इस सारे घोटाले की उच्च स्तरीय जांच करानी चाहिए ताकि दिल्ली की जनता से टैक्स के रूप में वसूले गए धन के इस तरह से दुरूपयोग की निष्पक्ष जांच हो सके और दोषियों को कड़ा दंड दिया जा सके

RAJEEV GUPTA: Chartered Accountant,Blogger,Writer and Political Analyst. Author of the Book- इस दशक के नेता : नरेंद्र मोदी.
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