अरविन्द केजरीवाल के नाम खुला खत

प्रिय केजरीवाल जी,

जिस दिन से करैन्सी डिमोनेटाईजेशन की घोषणा की थी उसी दिन से पूरा भारत आपके विडियो की प्रतीक्षा कर रहा था। कोई देखना चाहे ना चाहे पर आजकल आप विडियो जारी जरूर करते हो।

खैर. नोटबंदी वाले दिन में मेरे दोस्तों से कह रहा था कि कुछ लोग इस निर्णय को सही ठहरायेंगे, कुछ लोग गलत मगर केजरीवाल जी इस पर केवल आरोप लगायेंगे। और हुआ भी वही, आप आते ही मोदी ये, मोदी वो, बीजेपी वाले पहले बदल ले गये पैसा, अडानी ने नोट बदलवा लिये, अम्बानी ने ठिकाने लगवा दिये।

अरे सर, इनमें से किस बात का सबूत है आपके पास ? और एक तो ये आपके सुत्र, वो ये बता रहा था, ये वो बता रहा था, जानकार ने ऐसा कहा, उसने वैसा कहा। माना कि आप के पास कोई काम नहीं है फिर भी नाई की दुकान पर बैठना बंद कर दीजीए, कुमार विश्वास या संजय सिंह को एक्सपर्ट मानना बंद कर दीजिये सर। जहाँ से कुछ भी सुनके आ कर ट्वीट कर देते हो।

अब आते है आपके विडियो पर,

1. आपने बोला कि 2,50,000 से ज्यादा जमा करवाया किसी गरीब/किसान/ईमानदार आदमी ने उसे 200% पेनल्टी और कारवाई होगी ? मतलब हद है Ex IRS साहेब (अब इसमें भी मुझको पूरा शक है) किसान ने जमीन बेची तो चाहे 25 लाख जमा करवाये, पर खरा पैसा होगा तो उस पर कोई कारवाई नहीं होगी, होगी तो केवल बेईमानी के पैसे जमा कराने वालो पर। तो प्लीज लोगो को बरगलाना छोड़ीये और सच बताईये देश को

2. 500-1000 का नोट बंद कर के 2000 का नोट चलाने की क्या जरूरत थी ? भारत में Average ATM Withdrawal हर ATM से लगभग 10-15 लाख हर दिन है। और  अगर 100 का नोट ही ATM में रखा जायेगा तो एक ATM 2-3 लाख से ज्यादा नहीं रख सकता। तो फिर रोज का काम कैसा चलेगा ! सबसे बड़ा नोट इतना तो हो जिसमें कम से कम एक जुत्तो की जोड़ी तो आ सके। पर आप को तो केवल आरोप लगाना। खैर…

3. आपकी दी हुई लिस्ट मे जिनके नाम हैं उन सबको गिरफ्तार कर लो ? आपने शीला जी के खिलाफ 400 पन्ने लहराये थे उसका क्या हुआ,

मोदी जी की डिग्री फेक बतायी उसका क्या हुआ ? ये सब छोड़ो ओर अपने गिरफ्तार हुएँ कुकर्मी विधायकों की लिस्ट बनाओ।

देश के प्रधानमंत्री को आप “कायर, मनोविकारी बोलते हो, मजीठिया को  तु-तड़ाके से, अम्बानी, अडानी को गालीया बकते हो, पुलिस वालो को ठुल्ला” किस हक से आप जनप्रतिनिधि बनने के लायक हो ?

आम आदमी हो पर 400% सैलेरी लोगे, आम आदमी हो, पर बिजनेस क्लास में घुमोगे, आम आदमी हो, पर डिबेट करोगे तो केवल राहुल सोनिया से, अमरिन्दर सिंह से नहीं। एक बार अपने गिरेबान मे झांक कर बताओ किस ढंग से आप “आम आदमी” हो

2 साल में दिल्ली में आपने कोई काम किया नहीं (असल में दिल्ली में आप रहे ही नहीं) सेना का आपने अपमान किया, उन पर सवाल उठाये, पुलिस के लिए आपने रोना रोया शिला दिक्षीत भी तो थी ना बिना पुलिस। आपके अब तक  के कार्यकाल में आपने एक भी ढंग का काम किया हो तो वो बता दो सर  पर आपको काम करना कहां है। बस आरोप लगाना है।

खैर… आप को ये सब पढ़ कर कुछ फर्क नहीं पड़ना क्योंकि आपका मकसद मुख्यमंत्री बनना था और अन्ना से ले कर योगेन्द्र यादव से ले कर प्रशान्त भूषण सबको धोखा दे कर आप अपने मकसद में सफल हो गये और अब आदत से मजबूर हो कर देश को धोखा दे रहे हो।

अब ये तो जरूर है कि आप का बचा कार्यकाल तो हमें झेलना पड़ेगा पर हाँ, “काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ती” ।

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