चाटुकारिता नहीं आती तो काँग्रेस छोड़ दो

काँग्रेस पार्टी के खानदानी चाटुकार और चापलूस दिग्विजय सिंह ने काँग्रेस के सभी नेताओं को जल्द से जल्द चाटुकारिता का कोर्स पूरा करने के लिए कहा है।

दिग्विजय सिंह ने कांग्रेसियों को सीधे – सीधे शब्दों में कहा कि जो कोई काँग्रेस के नेता सोनिया गाँधी, राहुल गाँधी, प्रियंका वाड्रा, रॉबर्ट वाड्रा, और नेहरू-गाँधी-वाड्रा परिवार में पाले जानेवाले कुत्तो की चाटुकारिता नहीं कर सकता है उसका काँग्रेस पार्टी में कोई भविष्य नहीं है और ऐसे नेताओं को पार्टी छोड़ देना चाहिए।

दिग्विजय सिंह ने कहा कि जल्द ही उत्तर प्रदेश चुनाव के चलते राहुल गाँधी अपने भाषणों में शक्कर पेरकर गन्ना बनाने की फैक्ट्री की बात करेंगे तो सभी काँग्रेसियों को उनकी हाँ में हाँ मिलाना है। कोई भी काँग्रेसी नेता गन्ना पेरना है या शक्कर इसपर विवाद नहीं करेगा।

दिग्विजय सिंह ने मणिशंकर अय्यर का उदाहरण देते हुए पार्टी कार्यकर्ताओं को बताया कि एक बार राजीव जी ने बैंगन को अच्छा फल कहा था तब मणिशंकर ने बैंगन के बखान में कहा कि बैंगन फलों का राजा है और गाँधी-नेहरू परिवार की तरह उसका जन्म भी सर पर ताज पहनकर होता है।

उस समय जिस किसी ने बैंगन को सब्जी बताया था उसे पार्टी अनुशासन का पालन ना करने के अपराध में पार्टी से बाहर निकाल दिया था और कुछ नेताओं को तो राजीव गाँधी का अपमान करने के अपराध में जेल में डलवा दिया गया था।

दिग्विजय सिंह ने अपनी बात को समाप्त करते हुए कहा,”सात समंदर की मसी करूँ, लेखन सब बनराय। धरती सब कागद करूँ तबपर भी नेहरू-गाँधी परिवार का गुण लिखा न जाय।।” राहुल गाँधी ने जब इसका अर्थ पूछ तो दिग्विजय सिंह ने  मन ही मन सोचा की यदि इस उल्लू राहुल गाँधी की जगह कोई समझदार व्यक्ति काँग्रेस का नेता होता तो उनकी राजनीति चौपट हो गई होती।

Puranee Bastee: पाँच हिंदी किताबों के जबरिया लेखक। कभी व्यंग्य लिखते थे अब व्यंग्य बन गए हैं।
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