Friday, April 19, 2024
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06/12/92 : हिंदुत्व की प्रबल पराकाष्ठा

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“जय श्रीराम…..”
“रामलला हम आएंगे, मन्दिर वही बनाएंगे….”
“जय श्रीराम…..”

अयोध्या की हर एक गली से उस दिन बस ये ध्वनियां ही सुनाई दे रही थी, हर एक कारसेवक के मन में एक अलग ही शक्ति का संचार हो रहा था और सब रामभक्त स्वयं को उस महान क्षण का गवाह बनते देख रहे थे।

एक महान आंदोलन जिसने भारतीय राजनीति की पूरी दिशा और दशा ही बदल दी, उस आंदोलन की पराकाष्ठा का समय अब आ चुका था।
लाखों की संख्या में कारसेवक बिना थकान और भूख प्यास की चिंता किए हुए इमारत की तरफ बढ़ने लगे, कुछ कारसेवक उस इमारत पर चढ़ गए और आखिरकार उस इमारत के गुम्बदों को ढहा दिया गया।

ये मात्र एक इमारत का विध्वंस नही था अपितु ये तो 800 वर्षों से गुलामी कालखंड का विध्वंस था,
ये विध्वंस था उस तथाकथित सेक्युलर सोच का जिसने हिन्दूओं को हमेशा कमजोर समझा,
ये विध्वंस था उस राजनीति का जिसमें सदैव अल्पसंख्यकों को वरीयता दी जाती थी,
ये विध्वंस था स्वयं हिन्दूओं की सहिष्णु प्रवृत्ति का।।

उस दिन इस देश ने हिन्दूओं की वास्तविक शक्ति का प्रदर्शन देखा और देखा कि यदि हिन्दू एकजुट हो जाए तो कोई भी शक्ति हिंदूओं पर गलत तरीके से शासन नही कर सकती। उस दिन इस देश ने आराध्य प्रभु श्रीराम के प्रति भक्ति के महासमुद्र को देखा, जहाँ हर एक कारसेवक प्रभु श्रीराम के लिए अपना गिलहरी सा योगदान दे रहा था। उस दिन इस देश ने देखा कि अब कांग्रेस जैसे मुस्लिम सेक्युलर दल के सामने एक हिंदूवादी दल भाजपा का उदय हो चुका है। उस दिन देश ने वास्तव में महसूस की संघ और विहिप की मजबूत उपस्थिति और शक्ति।

लेकिन इस देश का दुर्भाग्य देखिए कि प्रभु श्रीराम को अपने भवन के लिए 28 वर्षों का इतंजार करना पड़ा और ये 28 वर्षों का इंतजार एक सर्वश्रेष्ठ उदाहरण है विश्वास और भक्ति का क्योंकि आपको पता होगा कि विहिप के द्वारा इन 28 वर्षों से लगातार पत्थर तराशने का कार्य हो रहा है, विहिप की तरह करोडों रामभक्तों को विश्वास था कि एक ना एक दिन ये स्वप्न जरूर पूर्ण होगा।

आखिरकार 05 अगस्त 2020 को भारत के इतिहास का वो महान क्षण आ ही गया जिसका इंतज़ार वास्तव में 492 वर्षों से हो रहा था, जब देश के यशस्वी प्रधानमंत्री जी के द्वारा प्रभु श्रीराम के मंदिर का भूमिपूजन शिलान्यास हो रहा था, वो क्षण वास्तव में एक अद्भुत क्षण था, हर कोई उस क्षण में एक विशेष आत्मानुभूति को महसूस कर रहा था और हर कोई याद कर रहा था उस 06 दिसंबर के दिन को।
जय श्रीराम
जय हिंदुत्व
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