Thursday, April 25, 2024
HomeHindiराम मंदिर और भारतीय संस्कृति

राम मंदिर और भारतीय संस्कृति

Also Read

डाॅ. कमल किशोर वर्मा
डाॅ. कमल किशोर वर्मा
दार्शनिक लेखक एवं कवि, भारतीय संस्कृति एवं परंपरा चिंतक

राम मंदिर का निर्माण भारतीय संस्कृति की रक्षा एवं उत्थान की ओर बड़ी छलांग है, सदियों से विदेशी आक्रांताओं ने न केवल भारत को लूटा अपितु उसकी संस्कृति को नष्ट भ्रष्ट करने का यथासम्भव प्रयास किया। 

प्राचीन काल के मंदिर केवल पूजा पाठ के ठिकाने ही नही थे, वहाँ पर गुरूकुल जैसा वातावरण भी रहता था, अनेक शिष्य मंदिर की भूमि पर कृषि व बागवानी करते थे, वहीं पर रहते और वहीं सामाजिक राजनैतिक आर्थिक ऐतिहासिक सभी बातों का और कला कौशल का ज्ञान प्राप्त करते थे। 

आक्रान्ताओं द्वारा मंदिर तोड़ने तथा पुजारी महन्त और शिष्यों की निर्मम नृशंस हत्या करने का परिणाम हुआ- लोगों ने अपने पुत्रों को इन मंदिरों मे भेजना बन्द कर दिया इससे समाज में नैतिक शिक्षा का अभाव हो गया। आक्रान्ताओं की नजर भारतीय लड़कियो के अपहरण पर रहती थी इसलिये लड़कियों को बाहर भेजना बन्द हुआ और महिला शिक्षा पर विपरीत प्रभाव हुआ।

भारतीय परम्परा और संस्कृति संयम नैतिक, चारित्रिक आध्यात्मिक, उन्नति की पराकाष्ठा है तथा जो हमारे शास्त्र मानवता का कदम कदम पर मार्गदर्शन करते हैं उनका लेखन भी मंदिरों मे ही किया गया था।

भगवान राम मर्यादापुरूषोत्तम थे,आज विश्व में शांति की स्थापना के लिये उसी मर्यादा की आवश्यकता है भारत के विश्व बन्धुत्व के दर्शन का ठोस प्रतीक हैं राम ।

अतः राम का चरित्र और जीवन ही विश्व का उत्थान कर सकता है। विश्व प्रसिद्ध तकनीक और अद्वितीय शैली से निर्मित होने वाले मंदिर को देखने देश विदेश से करोड़ों दर्शक पर्यटक आएंगे, तब शहर का धर्मशाला होटल रेस्टारेन्ट बस रिक्शा कलाकृति प्रत्येक क्षेत्र के बाजार का विकास होगा और आने वाले पर्यटक उनके यहां लौट कर भी हमारी परम्परा व  संस्कृति का गुणगान करेंगे ।

राम मंदिर से देश की राष्ट्रीय एकता अखंडता को बल मिलेगा, हमारी सांस्कृतिक एकता और विरासत का समस्त विश्व में मान सम्मान बढ़ेगा।

भारत की जनता का आत्मबल आत्मविश्वास बढ़ेगा।

लेखक – डा. कमल किशोर वर्मा 

  Support Us  

OpIndia is not rich like the mainstream media. Even a small contribution by you will help us keep running. Consider making a voluntary payment.

Trending now

डाॅ. कमल किशोर वर्मा
डाॅ. कमल किशोर वर्मा
दार्शनिक लेखक एवं कवि, भारतीय संस्कृति एवं परंपरा चिंतक
- Advertisement -

Latest News

Recently Popular