Friday, March 29, 2024
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बदलते भारत की तस्वीर गढ़ते मोदी

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Abhishek Singh
Abhishek Singh
Columnist : Politics. National Issues. Public Policies.

प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकाल में भारत की विदेश नीति और प्रतिनिधित्व में बड़े बदलाव हुए हैं. इसका संकेत पिछ्ले वर्ष दिल्ली में हुए रायसीना डायलॉग में भारत के विदेश सचिव ने ये कहते हुए दे दिया था कि “भारत गुटनिरपेक्षता की नीतियों से बाहर निकल चुका है और अपने हितों को देखते हुए अन्य देशों के साथ रिश्ते बना रहा है”. 

इस कथन को भारत की रणनीतियों में साफ देखा भी जा सकता है. बीते वर्षों में भारत की नजदीकियां अमेरिका के साथ बढ़ी हैं जिसने भारत को विश्व में नए रूप में प्रतिनिधित्व करने में सहायता की है. अमिरिकी राष्ट्रपति ट्रंप और प्रधानमंत्री मोदी की मित्रता ने मोदी को विश्व के ताकतवर नेताओं के रूप में पहचान दिलाने में सहायता की है. पिछ्ले वर्ष अमेरिका में हुए हाउडी मोदी और इस साल की शुरुआत में भारत में हुए नमस्ते ट्रंप कार्यक्रम से इसका आंकलन किया जा सकता है.

भारत के पूर्व प्रधानमंत्रियों ने खुद को दक्षिण एशिया तक सीमित रखा. भारत की विदेश नीतियां भी इसी तर्ज पर रहीं. लेकिन मोदी की महत्वकांक्षा दक्षिण एशिया से आगे बढ़कर पूरे विश्व में खुद को स्थापित करने की थी. नरेंद्र मोदी के अपने प्रखर व्यक्तिव से खुद को स्थापित भी किया. आज, विश्व दक्षिण एशिया को हिन्द प्रशांत क्षेत्र और भारत को इस क्षेत्र के मुख्य खिलाड़ी की तरह देखता है.

भारत ने अपनी पुरानी सुरक्षात्मक नीति को बदलते हुए, आक्रामक नीति को अपनाया है. चाहे पाक अधिकृत कश्मीर में हुई सर्जिकल स्ट्राइक हो या बालाकोट में हुई एयर स्ट्राइक हो, भारत की स्तिथि ने विश्व को साफ सन्देश दिया है. मौजूदा भारत-चीन सीमा संघर्ष में भी भारत ने अपनी स्तिथि साफ रखी है. तमाम आलोचनाओं और भारत की चीन पर निर्भरता को लेकर होने वाली बातों के बीच चीनी एप बैन कर देना, सरकारी टेंडरों से चीनी कम्पनियों को बाहर का रास्ता दिखा देना, पूरे विश्व को साफ सन्देश है कि भारत अपनी प्राथमिकताओं में राष्ट्रीय सुरक्षा को रखता है.

बदलती वैश्विक राजनीति में चीन के विकल्प के तौर पर आज पूरे विश्व की नज़रें भारत पर हैं. महामारी के ऐसे दौर में आत्मनिर्भर अभियान को गति देना प्रधानमंत्री मोदी के दूरदर्शी, प्रतिनिधित्व करने की मजबूत इच्छाशक्ति का उदाहरण है. आत्मनिर्भर भारत अभियान, भविष्य में भारत की छवि को बदल देने वाला मील का पत्थर सबित हो सकता है.

भारत एक उबरती हुई आर्थिक महाशक्ति है, जो विश्व का शांति और आर्थिक मोर्चों पर प्रतिनिधित्व करने की क्षमता रखती है. प्रधानमंत्री मोदी के “नए भारत” की संकल्पना, इस क्षमता को बढ़ाकर भारत को एक मजबूत वैश्विक महाशक्ति के रूप में स्थापित करने में सहायक होगी.

बदलते भारत की तस्वीर को गढ़ते प्रधानमंत्री मोदी को भविष्य में भारत के नवयुग प्रणेता के रूप में देखा जाएगा.

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