Thursday, April 25, 2024
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जिहादी सोच वही, अंदाज़ नया

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बहुत दिनों से इस बारे में लिखना चाह रहा था परन्तु लगता था की मुझे भी इस्लामॉफ़ोबिक कहा जायेगा और हो सकता है कुछ मुझे भक्त वाली श्रेणी में भी रखे। अब मैं सिर्फ और सिर्फ आंकड़ों पे बात करने वाला हूँ। भारत में इस्लाम १२वी शताब्दी में आया, जयादा से जायदा १ लाख आये होंगे अभी बात करे तो भारतीय उपमहाद्वीप में ४५ करोड़ मुसलमान है। इसी जनसख्या के दम पे २ देश भी भारत से छीन लिए। अभी का जो भारत बचा है उसमे २० करोड़ है और आप देखेंगे की जो स्थिति ३० दिसंबर १९०६ को मुस्लिम लीग के बनने के बाद बनी थी वो ही आज है।

इस देश के मुसलमानो ने तय कर लिया है की वो इस देश के कानून को नहीं मानेगे। दिल्ली के शाहीन बाग़, फिर हिन्दू विरोधी दंगे में सीरिया वाली तकनीके इस्तेमाल की गयी, एक काफिर की ४०० बार ६ घंटे तक चाकुओ से गोदा गया। ये सब कौन करवा रहा था, एक मुस्लमान नेता। अभी के कोरोना संकट में जो तब्लीगी जमात ने किया वो फिर से इस बात की पुष्टि करता है की मुस्लमान परिवार सहित मरने को तैयार है लेकिन भारत के कानून को नहीं मानेगा। वहीं मुस्लिम लीग वाली तकनीक, अराजकता फैलाओ, विदेशी मीडिया में विक्टिम कार्ड खेलो। असलियत में ये तक इराक और सीरिया से आयी है जिस तरह वहां के मुसलमानो ने फ़र्ज़ी फोटोशॉप करके फोटो वामपंथी मीडिया में घुमाया और घुस गए पुरे यूरोप में। पुरे यूरोप का कोई एक ऐसा शहर नहीं बचा जहां पर शरिया जोन ना बने हो।

पहले क्या होता था की भारत में दो तरह के लोग थे जो भारत तो तोडना चाहते थे। एक वामपंथी जिनका अब ग्राउंड काडर ख़तम हो रहा है और दूसरा जिहादी सोच वाले। जिहादी सोच वाले लोगो के पास जयादा वकील और मीडिया में लोग नहीं थे तो उधर वामपंथियों के पास जमीनी जिहादियों की कमी हो रही थी। ७० सालो तक इन लोगो ने अलग अलग कोशिस की लेकिन सफल नहीं हुए। २०१४ में एक ऐसी सरकार बानी जो दोनों की आखो का कांटा है। और इसी घटना ने वामपंथियों और जिहादियों का एक खतरनाक गठबंधन बनाने में मत्त्वपूर्ण भूमिका निभायी। अब जिहादी हिन्दू को मारते है, डॉक्टर, नर्स का सर फोड़ देते है, थूकते है, मूत रहे है, हग रहे है, टिकटोक पे भी कोरोना फैला रहे है, और फिर “दिल्ली बेस्ड जौर्नालिस्ट” ट्विटर पे वीडियो डाल के इनको डिफेंड करते है, १५०० डॉलर लेके विदेशी मीडिया में लेख लिखते है। मै गांरंटी के साथ कह सकता हूँ की अगर अभी का इतिहास भी इन वामपंथियों ने लिखा तो ये ही लिखा जायेगा की एक हिंदूवादी सरकार ने मरकज ने वायरस भेजकर मुसलमानो को मारा था, पुलिस ने घर में, मस्जिद में घुसकर मुसलमानो को पीटा था।

ये कोई नहीं लिखेगा की एक मौलाना जो खुद १ करोड़ की कार में घूमता है वो जाहिल मुसलमानो को १४०० साल पहले की तरह रहने को बोलता था। पांच वक्त की नमाज से सारी बीमारी ठीक कर देता था, पुरे देश में कोरोना वायरस फैलाकर भाग गया था। तो जिहादियों का मूल उद्देश्य यही है की कानून मत मनो, २० साल तक जमकर उत्पात मचाओ फिर इतनी जनसंख्या है ही एक और देश बना सको, पुलिस पीटेगी तो पूरी दुनिया में विक्टिम कार्ड खेलो जिसको हर मुसलमान लेकर पैदा होता है। कागज नहीं है इनके पास लेकिन विक्टिम कार्ड को स्थान विशेष में हमेशा लेकर घूमते है।

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