Saturday, April 20, 2024
HomeHindiपैसा और आप- भाग 1

पैसा और आप- भाग 1

Also Read

Nilay Mishra
Nilay Mishra
Stock Market Trainer with expertise in domain of Trading and Investment.

भारत में फाइनेंसियल प्लानिंग के बारे में न तो ज्यादा बात की जाती है न ही इसके बारे में किसी विद्यालय में प्रारंभिक शिक्षा दी जाती है। पैसा हर चीज के लिए आवश्यक है और जीविकोपार्जन के लिए हर व्यक्ति कुछ न कुछ करता है। लेकिन इस पैसे के बारे में जानकारी या यूँ कहें की समझ बहुत कम लोगों को है, या अगर है भी तो केवल उस तबके को जो पहले से ही पैसे से लबरेज़ है।

प्रारंभिक शिक्षा में हमें कई ऐसी चीजें बताई जाती हैं जिसका वास्तविक जीवन में कोई महत्तव नहीं है, लेकिन फिर भी हमें उन चीजों को पढ़ाया जाता है और उनकी परीक्षा भी ली जाती है। कॉलेज में एडमिशन ले चुके हुए बच्चों को भी ये जानकारी नहीं होती की उनको जीवन में आगे क्या करना है। एक बहुत बड़ा तबका ऐसा है जो केवल भेड़ चाल के कारन ऐसी डिग्रीयां हांसिल कर लेता है जिसमें उसकी कोई दिलचस्पी नहीं होती, हाँ कुछ लोग जरूर हैं जो सामाजिक बेड़ियों को तोड़ कर आगे निकल जाते हैं। बहरहाल आप कुछ भी कर रहें हो अपनी ज़िन्दगी जीने के लिए, पैसा उसके जड़ में जरूर होगा ।

एक बेहतर जीवन जीने की इच्छा हर किसी की रहती है या फिर यूँ कहें की अपने भविष्य को अपने वर्तमान से बेहतर बनाने की मंशा हर किसी के अंदर रहती है। आपके बेहतर भविष्य के लिए, आपके बेहतर रिटायरमेंट के लिए, अपने बच्चों की शादी के लिए या फिर कार, घर खरीदने के लिए हर चीज के लिए आपको पैसे की आवस्यकता पड़ेगी और ज्यों-ज्यों समय बीतता जायेगा त्यों-त्यों और अधिक पैसे की जरुरत पड़ेगी क्यूंकि महंगाई भी समय के साथ साथ काफी तीव्र गति से बढ़ती जाती है और यही महंगाई आपके सिथिल परे पैसे की सबसे बड़ी दुशमन है।

आपके जीवन में जो भी छोटे बड़े लक्ष्य हों हर चीज की योजना बनाई जा सकती है और उस योजना के तहत ही आगे भी बढ़ना चाहिए, लेकिन तब क्या हो जब आपको केवल एक ही तरीका पता हो की केवल बचत के द्वारा ही किसी भी पैसे से जुड़े लक्ष्य तक पहुँचा जा सकता है। ये सत्य है की भारतियों में बचत करने की फितरत बचपन से ही रहती है लेकिन बचत से ज्यादा अगर महंगाई हो जाये तो फिर ऐसा बचत किसी काम का नहीं रह जाता। पैसा हमेशा समय के साथ बढ़ना चाहिए और इसकी वृद्धि दर महंगाई के दर से अधिक होनी चाहिए। भारत की लगभग लगभग हर एक बैंक ४% या उससे कम प्रतिशत का ही ब्याज दे रही है अगर आप केवल अपने बचत खाते में पैसा रखते हैं तो। जिन बैंकों के द्वारा ६% या उससे अधिक ब्याज देने की बात कही जाती है उनमें कम से कम आपको लाख रूपए से ऊपर अपने खाते में रखने होंगे। आज की युवा पीढ़ी जो क्रेडिट कार्ड पर ही आपने सारे खर्चे चलाती है और सैलरी का इस्तेमाल केवल उस क्रेडिट कार्ड के बिल भरने के लिए करती है उनके बचत खाते में लाख रूपए से ऊपर रहना विरले है। अगर आप युवा हैं और आपके खाते में ये धन राशि है तो आपको बहुत बहुत बधाई।

[किसी भी व्यक्ति को अपने फाइनेंसियल प्लानिंग के लिए जो सबसे पहला कार्य करना चाहिए वो है आपातकाल के स्थिति की पहले से तैयारी, डरिये मत मैं कांग्रेस के समय के आपातकाल की बात नहीं कर रहा हूँ। ये वो आपातकालीन स्थिति है जो आपके जीवन में नौकरी छूट जाने या आपकी दुर्घटना हो जाने या फिर नौकरी से निकाल दिए जाने की स्थिति में पैदा हो सकता है। आपको ३ या ६ महीने की धन राशी कम से कम  ऐसे जगह पर रखनी चाहिए जिसको आप ऐसी आपात स्थिति में इस्तेमाल कर सकते हैं, ध्यान रखने वाली बात ये है की इस पैसे का इस्तेमाल तब ही करें जब ऐसी जरुरत आन परे नहीं तो जिस तरह का धैर्य आज की युवा पीढ़ी में देखने को मिलता है इसकी बहुत संभावना है की इस पैसे का उपयोग न हो कर उपभोग हो जाए। कई लोग जिनकी सैलरी एक सामाजिक मानक के अनुसार बेहतर है वो भी इस आपातकालीन स्थिति के लिए तैयार नहीं रहते और ऐसी किसी भी घटना के हो जाने के बाद परेशानियों से जूझते हैं। इस आपात्कालीन बचत को आप किसी बैंक के FD में निवेश कर सकते हैं या फिर किसी ऐसी जगह जहाँ से इसे ऐसी किसी स्थिति में आसानी से निकला जा सके। यह पैसा त्वरित स्थिति में रहना चाहिए ताकि वक्त आने पर आसानी से निकाला जा सके।

अगर आप इस आपातकालीन बचत को सफलता पूर्वक बना लेते हैं तो ये पहला कदम भी एक बहुत बड़ा कदम होगा। इस कदम के बाद MEDICAL INSURANCE और TERM INSURANCE की बारी आती है इनके बारे में चर्चा कभी और करेंगे।

  Support Us  

OpIndia is not rich like the mainstream media. Even a small contribution by you will help us keep running. Consider making a voluntary payment.

Trending now

Nilay Mishra
Nilay Mishra
Stock Market Trainer with expertise in domain of Trading and Investment.
- Advertisement -

Latest News

Recently Popular